ATMADHARMA With the permison of the Baroda Govt. Regd. No. B. 4787
order No. 30 - 24 date 31 - 10 - 4
आत्मामां स्वभावना आश्रये राग तोडीने ज्ञाननी वृद्धि थाय एवा भावे शास्त्र तरफना विकल्पने तोडी नांखे छे
ते मुनिनो उत्तम त्यागधर्म छे. पुस्तक वांचवामां पण ज्ञाननी वृद्धिनुं अने राग घटाडवानुं प्रयोजन हतुं, ते ज
प्रयोजन पुस्तकनी वृत्ति तोडीने सिद्ध कर्युं. स्वभावमां लीन थतां, पुस्तक तरफनी वृत्तिने तोडीने अनंत
केवळज्ञानने निकट करे छे. स्वभावना भानपूर्वक गृहस्थोने पण पोतानी भूमिका मुजब उत्तम त्यागधर्म होय छे.
अहीं उत्तम त्यागधर्मनुं व्याख्यान पूर्ण थयुं.
पंचाध्यायी – गुजराती (भाग – ) १
भगवानश्री कुंदकुंद–कहान जैन शास्त्रमाळाना ३१ मा पुष्प तरीके उपरनुं शास्त्र प्रसिद्ध थयुं छे. आ
भागनुं नाम ‘द्रव्य सामान्य अधिकार’ छे. मुमुक्षुओए आ शास्त्र स्वाध्याय करवा योग्य छे. लगभग ३४०
पृष्ठना आ पुस्तकनी किंमत रू।. ३–८–० छे. प्रािप्त स्थान : – श्री जैन स्वाध्याय मंिदर: सोनगढ
श्रावण अने भादरवा मासना मंगळ दिवसो
श्रावण सुद ६: मंगळ: श्रीनेमिनाथ प्रभुना जन्म तथा तप कल्याणक.
श्रावण सुद १५: गुरु: आ दिवसे श्री विष्णुकुमारे अकंपनाचार्यादि ७०१ मुनिओनी उपसर्गथी रक्षा करी हती.
श्रावण वद ७ गुरु: श्रीशांतिनाथ गर्भकल्याणक.
भादरवा सुद प: मंगळवारथी भादरवा सुद १४ शुक्रवार सुधी दश लक्षणी पर्व.
भादरवा वद १ रवि: क्षमावणी दिन.
धार्मिक दिवसो
मुमुक्षुओनी सगवड खातर, सोनगढमां दर वर्षे जे रीते धार्मिक दिवसो मनाय छे ते रीते आ वर्षे
श्रावण वद १३ (ता. ३१–८–४८) मंगळवारथी भादरवा सुद प (ता. ७–९–४८) मंगळवार सुधी धार्मिक
दिवसो गणवामां आवशे. परमागम श्री प्रवचनसारजी शास्त्रनुं गुजराती प्रकाशन पण ए दिवसो दरमियान
थशे. श्री जैन अितिथ सेवा सिमितनी वािषर्क मीटींग भादरवा सुद २ ता. ४ – ९ – ४८ शिनवारना रोज सांजे
पांच वागे थशे.
(अनुसंधान टाईटल पान २ थी चालु)
ते फूलाय छे अने पवन काढी नांखतां ते संकोच पामे छे, पण तेथी तेनुं रब्बर कांई वधतुं घटतुं नथी. तेम
आत्मानो आकार मोटो होय के नानो होय पण तेना प्रदेशोमां वध–घट थती नथी.
९. दरेक वस्तु जग्या रोके छे. कोई थोडीक जग्या रोके ने कोईक झाझी जग्या रोके; पण जग्या न रोके एवी
कोई वस्तु होती नथी. वस्तु जेटली जग्या रोके तेटलो तेनो आकार होय छे. परमाणु सौथी ओछी जग्या
रोके छे; परमाणु सौथी नानी चीज छे. जेटली जग्याने एक परमाणु रोके तेटली जग्याने ‘एक प्रदेश’
कहेवाय छे. परमाणुने एक ज प्रदेश छे तेथी तेनो आकार नानो–मोटो थतो नथी. संसारदशामां जीवनो
आकार नानो–मोटो थाय छे. सिद्धदशामां जीवनो आकार सदा एक सरखो रहे छे.
१०. जीवने नाना के मोटा आकारनी साथे धर्मनो संबंध नथी. देडका जेवो नानो आकार होय छतां जो
आत्मानी समजण करे तो धर्म पामी शके छे. अने हाथी जेवो मोटो आकार होय छतां जो आत्मानी
समजण न करे तो धर्म पामतो नथी. माटे नाना–मोटा आकार उपर न जोतां आत्माना ज्ञानस्वभावने
समजवो.
११. पुद्गल वस्तुमां पण प्रदेशत्व गुण छे, तेथी पुद्गलने पण आकार होय छे. डुंगर, मकान, घडो वगेरेना
आकारने जीव करतो नथी पण ते अजीव वस्तुमां रहेला प्रदेशत्वगुणथी ज ते आकार थाय छे. घडानो
आकार कुंभार बनावतो नथी पण माटीना प्रदेशत्वगुणथी ज ते आकार थाय छे. मकाननो आकार कडियो
करतो नथी पण पत्थरना प्रदेशत्वगुणथी ज ते आकार थाय छे–एम समजवुं.
आ प्रमाणे छ सामान्य गुणोनुं वर्णन पूरुं थयुं. बाळको! ए छ सामान्य गुणोनुं स्वरूप
आत्मधर्ममांथी वांचीने बराबर समजी लेजो. ए छ गुणोनी समजण तमने घणी उपयोगी थशे.