Atmadharma magazine - Ank 065
(Year 6 - Vir Nirvana Samvat 2475, A.D. 1949)
(Devanagari transliteration).

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वर्ष छठ्ठुं : संपादक : फागण
अंक पांचमो रामजी माणेकचंद दोशी २४७५
वकील
पू. गुरुदेवश्रीनो विहार
वींछीआ गामां फागण सुद ७ ना मांगळिक दिवसे
भगवान श्री चंद्रप्रभ स्वामी, सीमंधर स्वामी आदि अनेक
जिनबिंब प्रतिष्ठानुं मुहूर्त छे. आ पवित्र प्रसंगे वींछीआ
पधारवा माटे परम पूज्य सद्गुरुदेवश्री कानजी स्वामी माह सुद
९ ने दिवसे सोनगढथी विहार करीने वींछीआ तरफ पधार्या छे.
परम पूज्य गुरुदेवश्रीना विहार दरमियान सोनगढमां
श्री जैन अतिथि सेवा समितिनुं भोजनालय बंध रहेशे.
+ * +
वींछीआमां प्रतिष्ठा संबंधी समाचार आपवाना कारणे
फागण मासनो अंक मोडो प्रसिद्ध करवानुं गया अंकमां जणाव्युं
हतुं. परंतु हवे ते समाचार चैत्र मासना अंकमां आपवानुं नक्की
कर्युं छे, अने ते चैत्र मासनो अंक शक्यता अनुसार वहेलो
प्रसिद्ध करवामां आवशे. आम नक्की करीने आ फागण मासनो
अंक वहेलो प्रसिद्ध कर्यो छे.
वार्षिक लवाजम छुटक अंक
त्रण रूपिया चार आना
अनेकान्त मुद्रणालय ∴ मोटाआंकडीया ∴ काठियावाड