Atmadharma magazine - Ank 072
(Year 6 - Vir Nirvana Samvat 2475, A.D. 1949)
(Devanagari transliteration).

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ATMADHARMA Regd No. B. 4787
भादरवा सुद
पांचमना दिवसे आ जैन
बाळपोथी प्रसिद्ध थई छे.
आ बाळपोथीमां नाना
नाना २८ पाठो द्वारा,
बाळको पण होंशपूर्वक
वांचे–समजे ए रीते नीचेना
विषयोनुं संकलन कर्युं छे.
जीव–अजीव, द्रव्य–
गुण–पर्याय, धर्म, देव–गुरु–
शास्त्र, पंचपरमेष्ठी,
सम्यग्दर्शन–ज्ञान–चारित्र,
शिकारत्याग, जैनधर्म, मुक्त
अने संसारी, भगवान
महावीरनुं जीवन चरित्र,
देवदर्शन, हिंसादि पापोना
त्यागनो उपदेश, क्रोधादि
त्यागनो उपदेश, धूनसंचय,
देव–शास्त्र–गुरुने वंदन,
आत्मदेवनुं वर्णन वैराग्य
अने भावनाओ.
ए उपरांत ५०
“मोक्षशास्त्र गुजराती टीका” नी बीजी आवृत्ति छपाईने प्रसिद्ध थई गई छे. तेनी पडतर किंमत रू।।
लगभग थती होवा छतां पहेली आवृत्तिनी माफक तेनी किंमत मात्र साडात्रण रूपिया ज राखवामां आवी छे.
– प्राप्तिस्थान – श्री जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट सोनगढ
मुद्रक: चुनीलाल माणेकचंद रवाणी, शिष्ट साहित्य मुद्रणालय: मोटा आंकडिया सौराष्ट्र ता. १५–९–४९
प्रकाशक: श्री जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट: सोनगढ वती जमनादास माणेकचंद रवाणी, मोटा आंकडिया : सौराष्ट्र