ATMADHARM Regd. No. B. 4787
मोक्षशास्त्र
अथार्त् तत्त्वाथर्सूत्र
(गुजराती टीका)
बीजी आवृत्ति
समस्त जैनोमां सर्वमान्य एवा तत्त्वार्थसूत्रनी रचना लगभग बे हजार
वर्ष पूर्वे, भगवान श्री कुंदकुंदाचार्यदेवना पट्ट शिष्य श्री उमास्वामीदेवे करी. अने
तेना उपर अनेक धूरंधर आचार्योए टीकाओ रची. वळी आ शास्त्रनी रचना
सौराष्ट्र देशमां ज थई होवानुं कहेवाय छे. बाळकथी मांडीने महा पंडित सर्वेने आ
शास्त्र अत्यंत उपयोगी छे.
आ मोक्षशास्त्र उपर गुजराती भाषामां विस्तृत टीका–संग्रहनी आ बीजी
आवृत्ति प्रसिद्ध थई छे. आ ग्रंथमां सेंकडो विषयोनुं स्पष्टीकरण छे. पहेला
अध्यायना परिशिष्टमां सम्यग्दर्शन संबंधी परिशिष्ट छे ते मुमुक्षुओने खास
उपयोगी छे. पृष्ठ लगभग ८५० छे, आ बीजी आवृत्तिनी पडतर किंमत लगभग
रूा. ६–०–० थती होवा छतां तेनी किंमत मात्र ३–८–० रूा. ज राखवामां आवी
छे. टपालखर्च जुदुं मोकलवुं.
– प्राप्तिस्थान –
श्री जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट : सोनगढ: सौराष्ट्र
नियमसार – प्रवचनो
भगवान श्री कुंदकुंदाचार्यदेव रचित श्री नियमसार–परमागमना पहेला
अधिकार उपरना पू. सद्गुरुदेवश्री कानजी स्वामीना खास अध्यात्मिक
विशिष्टताओथी भरपूर प्रवचनो आ पुस्तकमां छपाया छे. दरेक जिज्ञासु जीवोए
आ पुस्तक खूब मंथन करवा योग्य छे. आ प्रवचनोमां पाने पाने आत्माना
परिपूर्ण स्वाधीन स्वभावनुं अचिंत्य माहात्म्य झळके छे. परिपूर्ण आत्मिक
स्वभावनां गाणां गातुं अने तेनी स्वतंत्रतानो मार्ग दर्शावतुं आ शास्त्र आत्माना
साचा स्वराजयनुं स्वरूप जाहेर करे छे.
ज्यारे आ पुस्तक प्रसिद्ध थयुं त्यारे एक जिज्ञासु भाईए तेनी एक नकलनी
किंमत तरीके रूा. ५०१/–श्री जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्टने आप्यां हतां. पृ. ३२०, पाकुं
पूठुं किंमत मात्र १–८–० छे. टपाल खर्च जुदुं मोकलवुं.
– प्राप्तिस्थान –
श्री जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट : सोनगढ : सौराष्ट्र