जे जीव पोताथी भिन्न भगवाननुं शरणुं माने छे ते रांको छे–परनो ओशियाळो छे. जेणे भगवाननुं शरणुं मान्युं
तेणे भगवान तरफनो राग करवा जेवो मान्यो, पण रागरहित चैतन्यस्वभावने न मान्यो; तेथी ते जीव अधर्मी छे.
‘दीन भयो प्रभु पद जपे रे, मुक्ति कहांसे होय?’ हुं विकारी छुं, हुं रागी छुं, भगवाननी भक्तिथी मारो उद्धार थशे–
एम रांको थईने जे जीव भगवाननी प्रार्थना करे छे ते जीवनी मुक्ति क्यांथी थाय? हुं रागी छुं, अपूर्ण छुं–एम
मानीने प्रभुपदनी मागणी करे तो प्रभुपद क्यांथी थाय? जे जीव पोताने भगवान–स्वरूप माने ते जीव मुक्त थाय
छे. भगवाने शुभरागने धर्म कह्यो नथी, छतां जे जीव भगवाननी भक्तिना शुभरागथी धर्म माने छे ते जीव
खरेखर भगवाननो भक्त नथी पण विरोधी छे. पर्यायमां क्षणिक राग होवा छतां तेनी पकड छोडीने, रागरहित
आश्रय करीने मुक्ति पामे छे. जे जीव रागरहित स्वभावने मानतो नथी ने क्षणिक रागनी ज पकड करे छे ते जीव
रांको छे; ते पराश्रय मानी मानीने संसारमां रखडे छे.
एम श्रद्धा–ज्ञान थया होवा छतां हजी पर्यायमां राग छे. ज्यां सुधी राग होय त्यां सुधी अशुभराग तो अमने
न ज हो, पण वीतरागताना निमित्त प्रत्ये लक्ष हो, वीतरागतानुं ज बहुमान हो. शुभराग तूटीने अशुभराग
अशुभभाव थाय. ‘वीतरागनुं ज शरण हो’ एमां ज्ञानीनी एम भावना छे के आ शुभ तूटीने अशुभ न हो
पण शुभ तूटीने वीतरागता हो. वीतरागना बहुमाननो राग थयो ते राग वखते वीतराग तरफ लक्ष होय छे,
पण कांई वीतराग भगवान मुक्ति आपता नथी, हुं मारी ताकातथी ज राग तोडीने भगवान थवानो छुं. जो
आत्मामां भगवान थवानी ताकात न होय तो भगवान तेने कांई करी देवा समर्थ नथी. अने जो आत्मामां ज
भगवान थवानी ताकात छे तो तेने भगवाननी ओशियाळ नथी. हुं स्वतंत्र भगवान छुं–एवा स्वभावना
भान वगर स्वतंत्रता प्रगटे नहि ने बंधन टळे नहि. वीतराग भगवाननी प्रार्थनाना शुभरागद्वारा त्रणकाळ
त्रणलोकमां धर्म थाय नहि. जेने पोताना स्वत: शुद्ध स्वभावनी खबर नथी ते जीव पोताने देव–गुरु–शास्त्र
वगेरेनो ओशियाळो माने छे. आचार्यदेव एवी मान्यतावाळाने जीव कहेता नथी ते तो जड जेवो छे–मूढ छे,
अनंतगुणनो पिंड, परम पारिणामिकभावस्वरूप छे. तेने तुं ओळख. शरीर–मन–वाणीनो के पुण्य–पापनो
आधार न राख. पर्यायनो पण आधार छोडीने त्रिकाळ स्वभावनो आधार ले. पुण्य–पापरहित आत्मस्वरूपने
मान्या वगर पुण्य–पाप टळशे नहि.
मुक्ति पामे. पण जे जीव पोताना निरुपाधि शुद्धस्वरूपने ओळखे नहि ते जीव शुभ शुभपरिणामने छोडे नहि
ने तेनी मुक्ति थाय नहि.