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पोष संपादक वर्ष आठमुं
रामजी माणेकचंद दोशी
२४७७ वकील अंक त्रीजो
“वस्तुविज्ञान – अंक”
आ अंकमां श्री प्रवचनसारनी ९९मी गाथानां
प्रवचनो प्रसिद्ध करवामां आव्या छे. ए गाथाना ऊंडाणमां
रहेलुं वस्तुस्वरूपनुं यथार्थ विज्ञान पू. गुरुदेवश्रीए विशिष्ट
छणावटपूर्वक आ प्रवचनोमां प्रगट कर्युं छे; अने तेथी आ
अंकनुं नाम ‘वस्तुविज्ञान–अंक’ राखवामां आव्युं छे.
जो के आ प्रवचनो ‘श्री सद्गुरु–प्रवचन–प्रसाद’
द्वारा प्रगट थई गयां छे अने तेनी छूटक सेंकडो नकल पण
जिज्ञासुओमां वेंचाणी छे, पण आत्मधर्मना समस्त वाचको
तेनो लाभ मेळवी शके ते माटे ते आ अंकमां प्रसिद्ध
करवामां आव्यां छे.
९९ मी गाथा उपरना प्रवचनो एक ज अंकमां एक
साथे आवी जाय ते हेतुथी आ अंकमां १० पानां वधारीने
२० ने बदले ३० पानां छाप्यां छे. आगामी अंकमां तेटला
पानां ओछा अपाशे.
छुटक नकल वार्षिक लवाजम
चार आना त्रण रूपिया
जैन स्वाध्यायमंदिर – सोनगढ – सौराष्ट्र