Atmadharma magazine - Ank 087
(Year 8 - Vir Nirvana Samvat 2477, A.D. 1951)
(Devanagari transliteration).

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श्र स्त्र
गुजराती पुस्तको
श्री समयसार–प्रवचनो भाग १–३–४ दरेकना ३–०–०
श्री समयसार–प्रवचनो भाग–२ जो १–८–०
श्री अपूर्वअवसर–प्रवचनो ०–८–०
श्री आत्मसिद्धि–प्रवचनो [आवृत्ति त्रीजी] ३–८–०
श्री मोक्षमार्ग प्रकाशकनां किरणो ०–१२–०
श्री धर्मनी क्रिया १–८–०
श्री मूळमां भूल १–०–०
श्री जिनेन्द्र स्तवनमंजरी २–०–०
श्री जिनेन्द्र स्तवनावली ०–८–०
श्री सर्वसामान्य प्रतिक्रमण [आवृत्ति त्रीजी] ०–८–०
श्री नियमसार–प्रवचनो भाग–१ १–८–०
श्री समवसरण स्तुति [आवृत्ति चोथी] ०–४–०
श्री मोक्षशास्त्र [गुजराती टीका] ३–८–०
श्री पूजा संग्रह [आवृत्ति चोथी] ०–१०–०
श्री प्रवचनसार [गुजराती] २–८–०
श्री समयसार पद्यानुवाद ०–४–०
श्री प्रवचनसार पद्यानुवाद ०–५–०
श्री योगसार पद्यानुवाद ०–२–०
श्री योगसार पद्यानुवाद तथा उपादान–निमित्त दोहा ०–३–०
श्री मुक्तिनो मार्ग
०–९–०
श्री सत्तास्वरूप अने अनुभवप्रकाश १–०–०
श्री मोक्षमार्ग प्रकाशक ३–०–०
श्री जैनसिद्धांत प्रवेशिका ०–८–०
श्री छहढाळा [गुजराती] ०–१४–०
श्री द्रव्यसंग्रह [गुजराती] ०–७–०
श्री सम्यग्ज्ञान दीपिका [गुजराती] १–०–०
श्री आत्मसिद्धि सार्थ ०–४–०
श्री आत्मसिद्धि गाथा ०–२–०
श्री आलोचना ०–२–०
श्री पुरुषार्थ ०–४–०
श्री दश लक्षण धर्म ०–९–०
श्री पंचाध्यायी भाग–१ ३–८–०
प्राप्तिस्थान: श्री जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट, सोनगढ (सौराष्ट्र)