Atmadharma magazine - Ank 097
(Year 9 - Vir Nirvana Samvat 2478, A.D. 1952)
(Devanagari transliteration).

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अंक पहेलोसंपादकवर्ष नवमुं
रामजी माणेकचंद दोशी
२४७८वकीलकारतक
बेसता वर्षनो मंगल–संदेश
वीर सं. २४७७ ना बेसता वर्षना
सुप्रभातना मंगलसंदेशमां पू. गुरुदेवश्रीए
कह्युं हतुं
केः आत्माना परम
पारिणामिकस्वभावनो महिमा करवो ते
आत्मानुं मंगल बेसतुं वर्ष छे......ते
स्वभावमांथी ज बधी निर्मळ पर्यायो
आवे छे. व.....ज्ञायक....परम पारिणामिक
स्वभावनो महिमा करतां करतां
सम्यग्दर्शनथी मांडीने सिद्धदशा सुधीनी
बधी निर्मळ पर्यायो प्रगटी जाय छे; माटे
तेनो महिमा.....तेनी रुचि.....ने तेमां
सन्मुख थईने लीनता ए ज आत्मार्थी
जीवोनुं कर्तव्य छे.
छुटक नकल९७वार्षिक लवाजम
चार आनाशाश्वत सुखनो मार्ग दर्शावतुं मासिकत्रण रूपिया