परमात्मशक्ति भरी छे, तेमांथी हुं मारी
परमात्मदशा प्रगट करीने अल्पकाळे मोक्ष
पामवानो छुं–आम पोताने पोतानी
परमात्मशक्तिनो विश्वास अने आत्मवीर्यनो
उल्लास आववो जोईए.
छूटकारानो मार्ग थया विना रहे नहि.
Atmadharma magazine - Ank 102
(Year 9 - Vir Nirvana Samvat 2478, A.D. 1952)
(Devanagari transliteration).
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