Atmadharma magazine - Ank 105
(Year 9 - Vir Nirvana Samvat 2478, A.D. 1952)
(Devanagari transliteration).

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प१) शांतिलाल रतिलाल शाह लीमडीप१) वृजलाल फूलचंदना धर्मपत्नी कमळाबेन लाठी
प०) नाईरोबीना त्रण बहेनो, हा. कस्तुरबेन
नाईरोबी प१) वृजलाल फूलचंद भायाणीना मातुश्री लाठी
प१) कोठारी केवळचंद झवेरचंद चोटीलाप१) दोशी मगनलाल लेराभाई वढवाण
प१) कोठारी गुलाबचंद झवेरचंद चोटीला प१) गांधी मणीलाल जसवीर राजकोट
प१) शेठ नानचंद अनोपचंद राजकोट प१) मोहनलाल जेचंदभाई खारा अमरेली
प१) सुरत मुमुक्षुमंडळ सुरत प१) शेठ मोहनलाल गोकळदास अमदावाद
प१) मरघाबेन जगजीवन राजकोट प१) भायाणी हीरालाल चुनीलाल भावनगर
प१) कान्ताबेन जगजीवन लीमडी प१) शेठ गोवींदजी कुबेरदास ध्रांगध्रा
प१) शेठ वाडीलाल जीवराज राणपुर प१) शेठ रतिलाल मोहनलाल मुंबई
प१) शान्ताबेन गुलाबचंद प१) मणीबेन दलपतभाई शेठ ध्रांगध्रा
प१) कमळाबेन राजकोट प१) मेता काळीदास चत्रभुज गारियाधार
प१) जडावबेन राजकोट प०) शीवकुंवरबेन राजकोट
प१) मुमुक्षुबहेनो सुदामडा१६२२) जुदा जुदा मुमुक्षुओ तरफथी मळेली
पचासथी नीचेनी रकमो
१०२४१३ा (एक लाख बे हजार चारसो सवा तेर)
*
जीव अने शरीर वच्चे केटलुं अंतर!
परद्रव्यं परद्रव्यं स्वद्रव्यं द्रव्यमात्मनः।
सम्बन्धोपि तयोर्नास्ति यथायं सह्यविन्ध्ययोः।।१६८।।
(अर्थ) परद्रव्य सदा परद्रव्य ज रहे छे ने स्वद्रव्य सदा स्वद्रव्य
ज रहे छे. स्वद्रव्य अने परद्रव्य बंनेने कांई पण संबंध नथी;–जेम
सह्याचळ पर्वत अने विंध्याचळ पर्वतने परस्पर कोई संबंध नथी तेम.
(भावार्थ) जेम सह्याचळ अने विंध्याचळ ए बंने पर्वत सर्वथा
भिन्न भिन्न छे, तेमनो परस्पर कोई संबंध नथी, तेम आत्मा अने
शरीरादिक परद्रव्य बंने सर्वथा भिन्न छे, तेमने परस्पर कोई प्रकारनो
संबंध नथी.
(प्रबोधसार पृ. १४४)
(अहीं सामायिक करनार श्रावकनी भावना तरीके आ वर्णन कर्युं
छे; तेथी आना करतां विरुद्ध जेनी भावना होय तेने सामायिक होती
नथी–एम पण गर्भितपणे समजी लेवुं.)
*