Atmadharma magazine - Ank 110
(Year 10 - Vir Nirvana Samvat 2479, A.D. 1953)
(Devanagari transliteration).

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ATMADHARMA Regd No. B. 4787
‘श्री जैन विद्यार्थीगृह’ सोनगढ (सौराष्ट्र)
विद्यार्थीओ माटे
उत्तम तक
अहीं लगभग नवेक मास पहेलां उपरोक्त संस्था चालु करवामां आवी
छे. हाल संस्थामां छात्रोनी संख्या दसनी छे. संस्था हाल भाडाना अलग
मकानमां चलाववामां आवे छे. आ मकान हाईस्कूल तथा समितिनी नजीकमां
ज जाहेर रस्ता उपर छे. तेमां छात्रोने रहेवा माटेनी योग्य सगवड छे.
हाल संस्थानुं अलग रसोडुं नथी, आथी छात्रो समितिने रसोडे जमे
छे; परंतु आगामी नवा छत्र (टर्म)थी संस्थानुं पोतानुं स्वतंत्र रसोडुं
खोलवानुं नक्की करवामां आव्युं छे.
मासिक फी विद्यार्थी दीठ रूा. २५/–राखवामां आवेली छे.
अहीं हाईस्कूलमां अंग्रेजी पहेलां धोरणथी एस. एस. सी. (मेट्रिक)
सुधीना अभ्यासनी व्यवस्था छे. उपरांत परमोपकारी पूज्य सद्गुरुदेवश्री
कानजी स्वामी जेवा महान, अद्वितीय, आध्यत्मिक संतना समागमनो अपूर्व
लाभ तथा धार्मिक शिक्षणनो सुंदर योग पण अहीं मळे तेम छे.
आबोहवा पण सूकी तथा खुशनुमा छे.
माटे नवी टर्मथी जेमने दाखल थवा ईच्छा होय तेओए अत्यारे
अगाउथी ज नीचेना सरनामे वेळासर लखी संस्थाना धाराधोरण तथा
दाखल थवा माटेनुं फोर्म मंगावी लेवां.
(S. D.) मोहनलाल कालीदास जसाणी.
नेमीदास खुशालदास.
मंत्रीओ,
श्री जैन विद्यार्थीगृह, सोनगढ (सौराष्ट्र)
प्रकाशक:–श्री जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट वती जमनादास माणेकचंद रवाणी, मोटा आंकडिया, (जिल्ला अमरेली)
मुद्रक:–रवाणी एन्ड कंपनी वती जमनादास माणेकचंद रवाणी, अनेकान्त मुद्रणालय : मोटा आंकडिया, ता. १८–११–५२