Atmadharma magazine - Ank 113
(Year 10 - Vir Nirvana Samvat 2479, A.D. 1953)
(Devanagari transliteration).

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ATMADHARM Regd No. B. 4787
श्री ‘जैन विद्यार्थीगृह’ सोनगढ (सौराष्ट्र)
विद्यार्थीओ माटे उत्तम तक
दस वर्षथी उपरनी उंमरना विद्यार्थीओ, के जेओ, गुजराती
पांचमुं धोरण अने तेथी उपर गुजराती के अंग्रजी अभ्यास करता होय,
तेओए जो उपरोक्त संस्थामां दाखल थवुं होय तो, उपरना सरनामे
लखी, संस्थाना धाराधोरण तथा प्रवेशपत्र मंगावी टर्म शरू थतां
सुधीमां भरी मोकलवां.
संस्थानी नवी टर्म ता–१–३–५३ थी शरू थवानी छे.
विद्यार्थीदीठ मासिक फी रूा. २५/– छे.
अहीं एस. एस. सी. (मेट्रीक) सुधी हाईस्कूल छे. संस्थामां
रहेतां विद्यार्थीओने फरजियात श्री जैनदर्शननो धार्मिक अभ्यास
अनुभवी शिक्षको द्वारा कराववामां आवे छे. तदुपरांत अहीं परम
पूज्य, परमोपकारी ‘कानजी स्वामी’ जेवा महान आध्यात्मिक संत
बिराजता होई तेओनां अध्यात्मपूर्ण व्याख्यान श्रवणनो पण सुंदर
योग मळे तेम छे.
आथी विद्यार्थीओ जलदी दाखल थाओ!
सौराष्ट्रमां चालु वर्षे वार्षिक परीक्षा फेब्रुआरी मासमां
होई सौराष्ट्र वसता विद्यार्थीओने मार्चमां दाखल करवामां आवशे.
ज्यारे सौराष्ट्र बहार मुंबई प्रांतमां चालु वर्षे वार्षिक परीक्षा एप्रील
मासमां होई तेवा विद्यार्थीओने आगामी ग्रीष्म वेकेशन पछी जून
मासमां पण दाखल करवामां आवशे. आवा विद्यार्थीओने अहींनी
हाईस्कूलमां पण जून मासमां दाखल कराववा प्रबंध करवामां आव्यो
छे. माटे आवा विद्यार्थीओनां प्रवेशपत्रो मे मासनी आखर तारीख
सुधी स्वीकारवामां आवशे.
ली. मंत्रीओ,
श्री जैन विद्यार्थी–गृह
सोनगढ (सौराष्ट्र)
प्रकाशक:– श्री जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट वती जमनादास माणेकचंद रवाणी, मोटा आंकडिया, (जिल्लो अमरेली)
मुद्रक:– रवाणी एन्ड कंपनी वती जमनादास माणेकचंद रवाणी, अनेकान्त मुद्रणालय, मोटा आंकडिया, ता. १६–१–५३