Atmadharma magazine - Ank 114
(Year 10 - Vir Nirvana Samvat 2479, A.D. 1953)
(Devanagari transliteration).

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ः १३८ःः मानस्तंभ–महोत्सव अंकः
मूंझाशो नहि. सत्य वस्तु शुं छे ते समजवानो हवे प्रयत्न करवो.’
आ प्रमाणे महोत्सव दरमियान तेम ज महोत्सवनी पहेलां अने पछी पण अनेक प्रसंगो बनता, अने
मारवाडी यात्राळुओना विचित्र अनुभवो थता. महोत्सवमां अने महोत्सवनी आसपासना बे मास दरमियान
लगभग बार हजार यात्राळुओनुं आगमन थयुं, अने एकएक यात्राळु गुरुदेवना धर्मप्रभावथी खूब ज
प्रभावित थया. आ रीते यात्राळुओ द्वारा गुरुदेवना परमपावन प्रभावनो संदेश भारतना खूणे खूणे पहोंची
गयो अने गुरुदेव द्वारा थती धर्मप्रभावनामां एक महान वेग मळ्‌यो. पू. गुरुदेव हवे मात्र सोनगढना ज के
सौराष्ट्रना ज नथी रह्या, परंतु तेओ भारतभरना दिगंबर जैन समाजनी एक महान विभूति छे.
परम पू. गुरुदेवना महान प्रभाव द्वारा दिवसे दिवसे थई रहेली शासननी अभिवृद्धि देखी–देखीने
पवित्रात्मा पू. बेनश्रीबेनना अंतरमां खूब हर्ष अने उल्लास थाय छे अने अनेकविध मंगलकार्यो द्वारा तेओश्री
पण पू. गुरुदेवना शासनने विशेष शोभावी रह्या छे. आ मानस्तंभनी शरूआतथी प्रतिष्ठा–महोत्सवनी पूर्णता
थई त्यां सुधीना नाना–मोटा समस्त कार्योमां तेओश्री (पू. बेनश्री–बेनजी चंपाबेन अने शांताबेने) जे
भावना....जे प्रेरणा अने जे लगनीपूर्वक दिनरात संभाळ करी छे तेनो उल्लेख शब्दो द्वारा थई शके तेम नथी.
तेओश्रीनी अत्यंत उल्लासवर्द्धक प्रेरणाए ज बधा कार्यकरोमां बळ पुरीने आ महान उत्सवने संपुर्णपणे
दीपाव्यो छे. मानस्तंभना कार्यमां तेम ज महोत्सवनी तैयारीमां अनेक महिनाओ सुधी बंने पवित्र बहेनोनी
अद्भुत लगनी अने अविरत कार्यशक्ति जोईने आश्चर्य ऊपजतुं हतुं. तेओश्रीना श्रीमुखेथी पंचकल्याणक
महोत्सव वगेरेना उल्लासमय संस्मरणो सांभळवा ते पण एक महान सौभाग्य छे.
*
अद्भुत आत्मवैभवधारक परम पूज्य श्री कहानगुरुदेवे धर्मवैभव ओळखाव्या....ए गुरुदेवना महान
प्रतापे ज अहीं धर्मस्तंभ स्थपाया....अने ए गुरुदेवना ज प्रभावथी आजे शासन शोभी रह्युं छे. शासन–
प्रभावक श्री कहानगुरुदेवना प्रतापे स्थपायेल आ धर्मस्तंभ भव्यजीवोने जिनवैभव बतावतो थको जयवंत
वर्तो....अद्भुत आत्मवैभवना बळथी धर्मस्तंभ स्थापन करनार श्री कहानगुरुदेव जयवंत वर्तो. ‘हे
कल्याणमूर्ति गुरुदेव! तारो अद्भुत आत्मवैभव मारुं कल्याण करो!’
सोनगढमां मानस्तंभ–महोत्सव वखते
पू. गुरुदेवश्रीना सुहस्ते प्रतिष्ठित थयेला जिनबिंबोनी यादी
८ श्री सीमंधर भगवान (मानस्तंभमां बिराजमान) सोनगढ१ श्री सीमंधर भगवानकिशनगढ
१ श्री नेमिनाथ भगवान (विधिनायक)सोनगढ१ श्री शांतिनाथ भगवान...उज्जैन
१ श्री पार्श्वनाथ भगवान (स्फटिकना)....सोनगढ१ श्री महावीर भगवान....सहारनपुर
१ श्री श्रेयांसनाथ भगवान......बोटाद१ श्री सुपार्श्वनाथ भगवान.उज्जैन
१ श्री शीतलनाथ भगवान.......बोटाद३ श्री बाहुबली भगवानजबलपुर
१ श्री नेमिनाथ भगवान.मोरबी३ श्री पार्श्वनाथ भगवान..
१ श्री वासुपूज्य भगवान (स्फटिकना)मोरबी१ श्री आदिनाथ भगवान..
१ श्री शांतिनाथ भगवान.......वांकानेरश्री जिनेन्द्र भगवान (कसोटीना) फतेहपुर
१ श्री महावीर भगवान (स्फटिकना)......जूनागढ
१ श्री महावीर भगवान...... (स्फटिकना)
१ श्री शांतिनाथ भगवान......
उज्जैन
१ श्री महावीर भगवान.....लाडनू
उपर मुजब ३२ प्रतिमाजी प्रतिष्ठित थया
हता; आ उपरांत लाडनूवाळा वछराजजी शेठे
पूज्य परमागम श्री समयसारना मूळ सूत्रो
चांदीमां कोतरावीने ते शास्त्रनी पण प्रतिष्ठा
करावी हती.