Atmadharma magazine - Ank 116
(Year 10 - Vir Nirvana Samvat 2479, A.D. 1953)
(Devanagari transliteration).

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* श्री जैनदर्शन शिक्षण वर्ग
सोनगढमां दर वर्षे उनाळानी रजाओ दरमियान विद्यार्थीओ माटे जैनदर्शन शिक्षणवर्ग खोलवामां आवे
छे–ते प्रमाणे आ वर्षे पण खोलवामां आव्यो हतो. आ वर्गनी शिक्षण–शैलि जोईने अनेक लोको प्रभावित थाय
छे. आ वर्षे शिक्षणवर्गमां एकंदरे दोढसो जेटला विद्यार्थीओ आव्या हता. अने वर्गना चार विभाग करवामां
आव्या हता. सौथी उत्तम श्रेणी (त्रीजी श्रेणी) मां मोक्षमार्ग–प्रकाशक, उपादान–निमित्तना दोहा तथा
जैनसिद्धांत प्रवेशिका चालता हता, मध्यम श्रेणीमां द्रव्यसंग्रह तथा जैनसिद्धांत प्रवेशिका चालता हता, प्रथम
श्रेणीमां छहढाळा तथा जैनसिद्धांत प्रवेशिका चालता हता, अने बालवर्गमां जैनबाळपोथी तथा जैनसिद्धांत
प्रवेशिका चालता हता. वर्गनुं शिक्षण लगभग २२ दिवस चाल्युं हतुं, त्यारबाद परिक्षा लेवामां आवी हती अने
विद्यार्थीओने १७प रूा. ना पुस्तको इनाम तरीके आपवामां आव्या हता. आ वखतनी परीक्षाना प्रश्न–पेपर आ
अंकमां छापवामां आव्या छे; तेना जवाबो आवता अंकमां छपाशे. बालवर्गनी परीक्षा मौखिक लेवामां आवी
हती. परीक्षामां विशेष मार्क मेळवीने ऊंचा नंबरे पास थनार विद्यार्थीओ नीचे मुजब हताः–
त्रीजी श्रेणी–(उत्तम श्रेणी)
(१) जगदीशचंद्र नवलचंद शाहःमुंबईमार्क ९४
(२) मणियार रसिकलाल धरमशीःवढवाण मार्क ९२
(३) महेन्द्रकुमार पाटनीःकिशनगढ मार्क ९१
(४) वकील शीवलाल देवचंद दोशीःराजकोटमार्क ९०
(प) जेठालाल चुनीलाल वकील मार्क ८९
बीजी श्रेणी (मध्यम श्रेणी)
(१) गुणवंतराय मनसुखलाल शाहपोलारपुरमार्क ९०
(२) रजनीकान्त जसराजभाई शाहअमदावादमार्क ८२
(३) हरीन्द्र जसराजभाई शाहअमदावादमार्क ८०
(४) मनसुखलाल कपुरचंद दोशीवडीयामार्क ७९
(प) वाडीलाल मनसुखलाल शाहगोरडकामार्क ७२
प्रथम श्रेणी (तथा )
(१) चंदुलाल राघवजी बरवाळामार्क ९९
(२) अंबालाल गुलाबचंद गुजरवदीमार्क ९७
जयसुखलाल जगजीवनवांकानेरमार्क ९७
(३) जयंतिलाल शांतिलाल मुंबईमार्क ९६
(४) बळवंतराय टपुलालवडीयामार्क ९प
(प) मनहरलाल उत्तमचंदवडीयामार्क ९४
(६) धीरजलाल रायचंद राणपुरमार्क ९३
सतीशचंद्र शांतिलाल सोनगढमार्क ९३
(७) भूपतराय नागरदासभावनगरमार्क ९२
(८) प्रतापदान चंद्रदानपोलारपुरमार्क ९१
वैशाख वद छठ्ठ–आठमना महोत्सवो दर साल मुजब उजववामां आव्या हता.
सूचनाः
“आत्मधर्म” ना चैत्र मासना अंकमां १२२ मा पाने ब्रह्मचर्य–प्रतिज्ञा लेनारना नामोमां भाई
हरगोविंदभाई खारा–एम नाम लखाई गयुं छे तेने बदले रसनाळना भाई श्री हरगोविंददास मोतीचंद शेठ–
ए प्रमाणे नाम वांचवुं.