मुक्तिना मांडवा नंखाया, तेना आत्मामां सिद्धभगवानना संदेशा आवी गया...एने
अनंत भवमां रखडवानी शंका टळी गई... अने अल्पकाळमां मुक्ति थवानो निःसंदेह
विश्वास प्रगट थयो. ––आवुं अपूर्व...परम...अचिंत्य सम्यग्दर्शन प्रगटवा माटे अंतरना
चिदानंद परमात्मतत्त्व सिवाय बीजा कोईनुं अवलंबन छे ज नहि. आ उपायथी जे
सम्यग्दर्शन प्रगट करे तेने अल्पकाळमां भवनो अभाव थई जाय.