छूटवानो उपाय नथी. वीतरागी चैतन्यस्वभावने भूलीने परथी
मान्यता ज संसारभ्रमणनुं मूळकारण छे. चैतन्यस्वभावनी
ओळखाण करीने ए मूळकारणने छेदया विना बीजा जे कांई
Atmadharma magazine - Ank 131
(Year 11 - Vir Nirvana Samvat 2480, A.D. 1954)
(Devanagari transliteration).
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