Atmadharma magazine - Ank 141
(Year 12 - Vir Nirvana Samvat 2481, A.D. 1955)
(Devanagari transliteration).

< Previous Page   Next Page >


PDF/HTML Page 3 of 23

background image
“ अमतन वरसद “
आजे अमृतनी वृष्टि थई... आजे उपशांतरस भरेला अमृतना मे वरस्या...
भगवान महावीर परमात्माना असंख्य प्रदेशरूपी निर्मल आकाशमांथी आजे
दिव्यध्वनिना मेघ छूटया.
छांसठ–छांसठ दिवसोथी, तरस्या चातकनी माफक तलसता भव्यजीवो ए अमृतवर्षा
झीलीने शांत थया... तृप्त थया... आनंदित थया.
‘अषाड वद एकम’ नो आजनो दिवस धन्य बन्यो... उदास देखातो विपुलाचल पर्वत
आजे सुवर्ण करतां पण ऊज्वळ बन्यो.
अहा! ए केवो धन्य प्रसंग!! भगवानना चरणमां बेसीने दिव्य–ध्वनिना अमृतनुं
साक्षात् पान करनारा ए जीवो केवा भाग्यशाळी! –ईन्द्रभूति गौतमना आनंदनी तो शी
वात!! क्यां ए गई कालनी दशा? ने क्यां आजनुं गणधरपद!! केवो जीवनपलटो!!
पोताना आत्माना अतिन्द्रिय आनंदरूपी अमृतथी तृप्त तृप्त थईने भगवाने ए
अतीन्द्रियआनंदरूपी अमृत दिव्यध्वनि द्वारा भव्यजीवोना कानमां रेडयुं... गौतम गणधर जेवा
संतोए ते झील्युं... अने भावि–भव्य जीवोने माटे बार अंगमां ते भर्युं.
ए पावन प्रसंगनी स्मृति थतां आजे पण भव्यमुमुक्षुओने उग्र आतुरता थाय छे के
अहो! भगवाने एवुं ते केवुं अमृत रेडयुं हशे के जेना पानथी जीवोना जीवन पलटी गया!!
आपणा सद्भाग्ये, आजे २५११ वर्ष बाद पण पू. गुरुदेव आपणने ए अमृतनो स्वाद
बतावे छे.
प्रौढ वयना गृहस्थो माटे
जैनदर्शन शिक्षणवर्ग
दर वर्ष माफक आ वर्षे पण श्रावण सुद बीज ता. २१–७–५५ गुरुवारथी शरू करीने, श्रावण वद दसम
(ता. १३–८–५५) शनिवार सुधी, सोनगढमां तत्त्वज्ञानना अभ्यास माटे “जैनदर्शन शिक्षणवर्ग” चालशे.
तत्त्वज्ञानना अभ्यासनी शरूआत करनारा जिज्ञासुओने आ वर्गनुं शिक्षण बहु उपयोगी छे. जे जैनभाईओने
वर्गमां आववानी ईच्छा होय तेमणे सूचना मोकली देवी, अने वखतसर आवी जवुं.
ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा
* जेठ सुद पांचम–श्रुतपंचमीना रोज मोरबीना डॉ. सुंदरलाल मोहनलाल शाह तथा तेमना धर्मपत्नी
सविताबेन–ए बंनेए सजोडे आजीवन ब्रह्मचर्यप्रतिज्ञा पू. गुरुदेव पासे अंगीकार करी छे, ते माटे तेमने
धन्यवाद!
* जेठ सुद अगियारसना रोज अमदावादना भाईश्री चीनुभाई लीलाचंदे पू. गुरुदेव पासे आजीवन
ब्रह्यचर्य प्रतिज्ञा अंगीकार करी छे; तेओ बालब्रह्मचारी छे ने अमदावादमां पोतानुं बाल–विद्यामंदिर चलावे छे.
हाल तेमनी उमर लगभग ४० वर्षनी छे. आ शुभकार्य माटे तेमने धन्यवाद!