Atmadharma magazine - Ank 155
(Year 13 - Vir Nirvana Samvat 2482, A.D. 1956)
(Devanagari transliteration).

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ATMADHARMA Regd. No. B. 4787
श्री जिनमंदिर – जन्मोत्सव फंड
रूा. ८७८५७/– आत्मधर्म अंक नंबर १५४ मां जणाव्या मुजब त्यार पछी
१००१/– शेठश्री रूपचंदजी
दहेरादुन
१५१/– मोदी व्रजलाल नागरदास, चंपकलाल नागरदास, रसिकलाल नागरदास
१०१/– शेठश्री नेमीचंदजी पाटनी
कीशनगढ
१०१/– शेठश्री देवचंद रायचंद मोम्बासा
१०१/– गांधी रतिलाल मोतीचंदना धर्मपत्नी सुभद्रा तरफथी राजकोट
१००/– स्व. ललीताबहेन वती मोतीलाल मेघजी मोम्बासा
१००/– सूर्यकळाबहेन मोतीलाल मोम्बासा
६७/– मणीबहेन नेमचंद कानजी नाईरोबी
६७/– स्व. गांधी केशवलाल मोहनलाल रखीयाळ
६७/– शेठश्री मयाचंद छगनलाल कलकत्तावाळा
६७/– शेठश्री भगवानजी खेतशी तथा तेमना धर्मपत्नी तरफथी जामनगर
६७/– छोटालाल देवचंद हा. शांताबेन अमदावाद
६७/– शेठश्री चुनीलाल देवचंद हा. शांताबेन अमदावाद
६७/– मोदी चीमनलाल ठाकरशी मुंबई
६७/– दोशी नरशीदास छगनलाल वडोदरा
६७/– महेता गोरधनदास फुलचंद सोनगढ
६७/– महेता नौतमलाल फूलचंद राजकोट
६७/– मणीबहेन ताराचंद राजकोट
६७/– वकील तलकशी माणेकचंद वढवाण
६७/– डोकटर अमीचंद छगनलाल सुरत
६७/– शेठश्री मणीलाल हरखचंद वढवाण
२६९/– रूा. ६७ थी नीचेनी रकमो
सांकुबहेन तथा डाहीबहेन, बबालाल हेमचंद जीवराज,
कोठारी शांतिलाल लखमीचंद, कस्तुरचंद हीराचंद,
कच्छी प्रेमजी देवजी, समजुबहेन वहोरा, रायचंद जीवराज,
प्रफुल्लाबहेन,
९०७१९/– (नेवुं हजार सातसो ओगणीस त्रणआना)
अंके रूपिया नेवुं हजार सातसो ओगणीस त्रण आना पूरा.
मुद्रक:– जमनादास माणेकचंद रवाणी, अनेकान्त मुद्रणालय: वल्लभविद्यानगर (गुजरात)
प्रकाशक:– श्री जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट वती जमनादास माणेकचंद रवाणी, वल्लभविद्यानगर (गुजरात)