Atmadharma magazine - Ank 156
(Year 13 - Vir Nirvana Samvat 2482, A.D. 1956)
(Devanagari transliteration).

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पू. बेनश्रीबेन.अने १४ बालब्रह्मचारी बेनो
वचमां पूज्य बेनश्रीबेन बिराजमान छे; तेओश्रीनी जमणी तरफथी शरू करतां–(१) उषाबेन, (२)
सुशीलाबेन जगजीवन, (३) चंद्रप्रभाबेन, (४) जसवंतीबेन हीरालाल, (५) इंदुमतीबेन, (६) वसंतबेन,
(७) पद्माबेन, (८) सुशीलाबेन शांतिलाल, (९) ललिताबेन, (१०) जसवंतीबेन हिंमतलाल, (११)
चंद्राबेन, (१२) पुष्पाबेन, (१३) जसवंतीबेन रतिलाल, (१४) भानुमतीबेन–ए प्रमाणे १४ ब्रह्मचारी
बहेनो छे.
परमपूज्य सद्गुरुदेव पासे आ १४ कुमारिकाबेनोए भादरवा सुद पांचमना रोज ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा
अंगीकार करी ते शुभ प्रसंगनी यादगीरीमां, श्री जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट सोनगढ तरफथी, “आत्मधर्म”नो
आ खास विशेष अंक “ब्रह्मचर्य–अंक” (बीजो) प्रसिद्ध करतां अमने घणो हर्ष थाय छे. अने अमने द्रढ
विश्वास छे के भारतना जे जे भक्तजनोना हाथमां आ अंक जशे ते सौ भक्तजनो अमारा आ हर्षमां
होंसपूर्वक साथ पुरावशे.