Atmadharma magazine - Ank 156
(Year 13 - Vir Nirvana Samvat 2482, A.D. 1956)
(Devanagari transliteration).

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चित्रमां वच्चे पूज्य बेनश्रीबेन बिराजमान छे; तेओश्रीनी एक बाजु केसरीमलजी शेठ अने तेमना
धर्मपत्नी छे; बीजी बाजु वछराजजी शेठ अने तेमना धर्मपत्नी मनफूलादेवी छे. उपरना भागमां १४
ब्रह्मचारी बेनो ऊभेलां छे ने नीचेना भागमां छ (बन्ने तरफ त्रण त्रण) ब्रह्मचारी बेनो बेठेलां छे.
पांच वर्ष पहेलांं श्री वछराजजी शेठ तथा मनफूलादेवी पहेलीवार सोनगढ आव्या त्यारे पू. गुरुदेवना
उपदेशनुं श्रवण करीने अने पू. बेनश्रीबेननी धर्ममय जीवनचर्या देखीने तेओ घणा प्रभावित थया...... ने
शेठाणी मनफूलादेवीए “गोगीदेवी दि. जैन श्राविकाब्रह्मचर्य आश्रम” बंधावी आप्यो. शेठ–शेठाणीने
परमपूज्य गुरुदेव प्रत्ये तेमज पू. बेनश्रीबेन प्रत्ये घणो आदरभाव छे; आश्रम प्रत्ये पण तेओ हार्दिक
वात्सल्य धरावे छे.