प्रभावित थईने १८ थी २६ वर्षनी नानी नानी उमरना चौद १४ कुमारिका बहेनोए आजीवन ब्रह्मचर्य–
प्रतिज्ञा अंगीकार करी छे. आ ब्रह्मचर्य–प्रतिज्ञा जे उदे्शथी धारण करवामां आवी छे तेनी खास महत्ता छे,–ते
आपणे आगळ जतां जोईशुं.
तो पू. गुरुदेवनो प्रभाव भारतभरमां प्रसरी गयो छे. तेमां वळी आ १४ कुमारिका बहेनोए ब्रह्मचर्यनी
प्रतिज्ञा लीधी ते पण जैनधर्मनी प्रभावनानो एक एवो ज महान प्रसंग छे.
कुमारिका बहेनोए, मात्र आत्महितनी साधना अर्थे आ रीते पोतानुं जीवन समर्पित करी दीधुं होय–एवुं
हालना ईतिहासमां सांभळवामां आवतुं नथी. परमपूज्य गुरुदेवनो उपदेश केटली सरलताथी जीवोने
आत्महितमां लगाडी द्ये छे, अने ते उपदेश केटलो वीतरागता भरेलो छे–तेनुं अनुमान विवेकी जिज्ञासुओ आ
महान प्रसंग उपरथी करी शकशे. पू. गुरुदेवनो आत्मस्पर्शी उपदेश अनेक जीवोनां जीवन पलटावी नांखे छे.