बाण वडे संसारने जीती लीधो होय ने आध्यात्मिकतानो विजयध्वज फरकावती होय!
आ ब्रह्मचर्य प्रसंग घणा उल्लासपूर्वक ऊजववामां आव्यो हतो.
“ब्रह्मचर्य–अंक” जुओ, वर्ष छठ्ठुं अंक बीजो.) आ प्रमाणे एकंदर वीस कुमारिका ब्रह्मचारी बहेनो हाल
सोनगढमां वसे छे.
समीपतामां केवी सुगम बनी जाय छे!–एनुं आ प्रत्यक्ष उदाहरण छे. खरेखर तो, परम उपकारी परम पूज्य
गुरुदेव श्री परम असंगी शुद्धचैतन्यतत्त्वना जे उपदेशनी अमृतधारा निरंतर वरसावी रह्या छे तेमां कोई एवो
प्रभाव छे के ते उपदेशनुं श्रवण अने मंथन करनारना जीवनमां वैराग्यभाव सहेजे पोषातो जाय छे, ने तेनुं ज
आ एक नानकडुं फळ छे.......... शुद्धस्वभाव तरफ वळवा माटे दिशा पलटाववानो उद्यम करतां करतां वच्चे
रागनी दिशा पण पलटी जाय छे ने तेथी वीतरागी देव–गुरु–शास्त्र प्रत्ये विनय–भक्तिना तेमज ब्रह्मचर्य
वगेरेना अनेक प्रसंगो बने छे.
कारण छे, अने ते छे–बे बहेनोनी शीतल छाया ने वात्सल्यभरी हूंफ! परम पूज्य बेनश्री चंपाबेन तथा परम
पूज्य बेन शांताबेन ए बंने बहेनो (–के जेमनो उल्लेख मुख्यपणे “बेनश्री–बेन” एवा संयुक्त नामथी
करवामां आवे छे–) तेमनुं धर्मरंगथी रंगायेलुं सहज जीवन तो नजरे जोवाथी ज ख्यालमां आवी शके. ए बंने
बहेनोनी पवित्रता, अनुभव, संस्कार, वैराग्य, तेमज देव–गुरु–धर्म प्रत्येनी अपार भक्ति अने अर्पणता,
विनय अने वात्सल्य वगेरेनुं विगतवार वर्णन अहीं थई शके तेम नथी. आजथी पांच वर्ष पहेलांं ज्यारे
कलकत्तावाळा शेठश्री वछराजजी गंगवाल तथा तेमना धर्मपत्नी मनफूलादेवी पहेलीवार सोनगढ
आव्या..........अने मात्र चार दिवस पू. गुरुदेवनो आध्यात्मिक उपदेश सांभळ्यो....तथा बंने पवित्र बहेनोनी
धर्ममय जीवनचर्या देखी.... त्यारे तेओ एटला प्रभावित थई गया के ते ज वखते सोनगढमां बहेनोने माटे
एक आश्रम बंधाववानो तेमणे निश्चय कर्यो, अने ते प्रमाणे एक सुंदर आश्रम–“श्री गोगीदेवी दिगंबर जैन
श्राविका ब्रह्मचर्याश्रम” लगभग सवा लाख रूा. खर्चीने तेमणे बंधावी आप्यो. ते आश्रममां पू. बेनश्री–बेननी
हितकर छायामां अनेक बहेनो रहे छे; जेओ आश्रममां नथी रही शकता तेओ पण आसपासमां ज रहे छे. अने
आ बहेनोना जीवनमां पू. बेनश्री–बेन निरंतर अपार वात्सल्यपूर्वक ज्ञान–वैराग्यनुं सींचन करे छे.....देव–
गुरु–धर्मनी भक्ति बाबतमां तो वर्तमानयुगमां तेओश्रीनी अतृतीयता छे. आ रीते धर्ममाता पू. बेनश्री–बेने
आ पुत्रीओना जीवननुं घडतर कर्युं छे अने ए माताओनी पवित्र गोदमां रहीने ज आ बधी बहेनोए सतना
शरणे जीवन समर्पण करवानी ताकात मेळवी छे. आ रीते परम पवित्र पू. बेनश्री चंपाबेन अने परम पवित्र
पूज्य बेन शांता बेननो पण बहेनो जीवनमां महान उपकार छे.