सिद्ध... ने हुं पण सिद्ध! बस! हवे मारा आत्मामां समये समये सिद्धदशा
संसारनी समये समये हानि ज थती जाय छे. आ रीते मारा ज्ञानमां आपने
पधरावीने हुं पण आपनी पासे आवी रह्यो छुं.
Atmadharma magazine - Ank 158
(Year 14 - Vir Nirvana Samvat 2483, A.D. 1957)
(Devanagari transliteration).
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