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(परमपूज्य श्री कहान गुरुदेवे सोनगढथी कारतक सुद पूर्णिमाए
वेदीप्रतिष्ठा तथा मुंबईमां महान प्रभावना करीने तेओश्री हाल विधविध
तीर्थधामोनी यात्रा संघसहित करी रह्या छे. पू. गुरुदेवना सोनगढथी धंधुका
त्यारपछीना समाचारो अहीं संक्षेपमां आपवामां आवे छे. पू. गुरुदेव साथे
प्रवासमां होवाने कारणे आ समाचारो विस्तारथी नथी आपी शकता, ए
बदल जिज्ञासु ग्राहको क्षमा करे. सोनगढ आव्या बाद विस्तारपूर्वक यात्रा–
वर्णन, ते ते प्रसंगना फोटाओ सहित आपवानी भावना छे.)
कारतक वद छठ्ठना रोज सवारमां श्री जिनेन्द्रदेवनी स्तुति अने अनंतनाथ भगवानना जयजयकारपूर्वक
जराक विकट छे. धंधुकाथी खडोल सुधी गीच झाडीओना विकट रस्ते पसार थतां सम्मेदशिखरजी धामनी गीच
भालप्रदेशमांथी बहार नीकळीने सिद्ध नगरीमां पहोंचवा माटे पू. गुरुदेव ज मार्गदर्शक भोमिया छे. पू.
गुरुदेवनी साथेसाथे तेओश्रीना पुनित मार्गे विचरीए–एवी भावनापूर्वक खडोल गामे पहोंच्यां. त्यां थोडी वार
रोकाईने १० वाग्ये फेदरा गामे पहोंच्या.
भक्ति करतां करतां भक्तजनो पण नौकामां बेठा... ने नौका चाली... चालती नौकामां पू. गुरुदेवना पवित्र
हस्ताक्षर (““ चिदानंदाय नम:” ए प्रमाणे) कराव्या... गुरुदेव साथे नौकाविहारनो आ प्रसंग बहु
आनंदकारी हतो. तेनुं विस्तृत वर्णन हवे पछी आपशुं.
स्वर्गवासना समाचार मळतां वातावरणमां स्तब्धता छवाई गई.