साक्षात्कार से हम सब भक्ति–भाव के परमानन्द से ओतप्रोत हो श्रद्धा–सुमन अर्पित
करते हैं।
भौतिकवादियों को सचेत कर दिया है कि ये समस्त सुख क्षणभंगुर है एवं
मिथ्यात्व से परिपूर्ण हैं, शाश्वत शांति का शिव–मग अध्यात्म–दर्शन में है। आपकी
अध्यात्म संबंधी परम चमत्कारी शैली के फलस्वरूप अनेक मुमुक्षु मानव
मोहान्धकार से मुक्त हो गये हैं; वे सब आपके पथानुयायी होकर ज्ञानसाधना में
संलग्न हैं।
आकुल संसार को मोह ममतासे मुक्त होने की सर्वदा सत्प्रेरणा प्रदान की है।
आपने अपने समय को अधिकतर रचनात्मक कार्योमें ही संलग्न किया है, जिसके
फलस्वरूप आप के तत्त्वावधान में सम्यक्ग्रंथों का प्रकाशन तथा अनेक मन्दिर–
निर्माण हुए हैं। आपने अपने पीयूष प्रवाहित प्रवचनों से सहस्त्रों नवीन बन्धुओं को
जैन धर्ममें दीक्षित किया है।
पारायण एवं दोहन से अनेक ज्ञानपिपासु मानवों को परितृप्त किया है। आप की
छत्रछाया में अनेक जिज्ञासु अपने शिवमार्ग की ओर अग्रसर है।
शुभ सन्देश संसार के कौने २ में सूर्य की प्रखर रश्मियों की भांति आलोकित
होकर अज्ञानतम को नष्ट करें। यही हमारी हार्दिक कामना है।