आठ दिवस सुधी विशेष भक्ति थाय छे. आ वर्षे पण नूतन जिनमंदिरमां भगवानना भव्य दरबारमां रोज रात्रे
उल्लासभरी भक्ति थती हती; तेमांय जन्मकल्याणक वगेरे दिवसोनी भक्तिनो रंग तो कोई जुदी ज जातनो हतो..
जाणे पुंडरगीरीमां आजे ज भगवान जन्म्या छे ने तेमनो जन्मकल्याणक आपणे अहीं ऊजवीए छीए–एवा आनंदथी
भक्ति थई हती. जिनमंदिरमां भगवानना निजमंदिरनो दरवाजो खुल्लो अने विशाळ थई गयो होवाथी, भगवानना
दरबारनो देखाव घणो ज सुंदर अने महिमावंत लागे छेः निजमंदिरनुं द्वार पण आरसनुं थई गयुं छे. भगवानना
दरबारमां प्रवेशतां ज तेनी शोभा देखीने भक्तोने आश्चर्य थाय छे. फागण सुद बीजे सीमंधर भगवान सुवर्णपुरीमां
पधार्या..ने बराबर ए ज दिवसे गत वर्षे गुरुदेव साथे महावीर भगवानना मोक्षधाम