मुंबईखातेनी पोतानी
स्थिरता दरमियान
पूज्यपाद गुरुदेव
शीवमां भाईश्री
सुखलालभाई
रामजीभाईने त्यां
पधार्यां
हता ते समयनुं एक
द्रश्य.
पोषः २४८प ः ३ः
आ मांगलिक प्रसंगे जन्मकल्याणकनो एक विराट वरघोडो चढाववामां आव्यो हतो. वरघोडामां
भगवान श्री नेमीनाथने हाथी उपर सौधर्म इन्द्रनी गोदमां बिराजमान करवामां आव्या हता, अने इन्द्र–
इन्द्राणीओ वरघोडामां सामेल हता.
भगवान श्री नेमीनाथस्वामीना माता–पिता थवानुं अहोभाग्य मुमुक्षु मंडळना प्रमुख श्री मणीलाल
जेठालाल शेठने प्राप्त थयुं हतुं अने ते बदल तेओश्रीए पोतानो आनंद व्यक्त करीने पोताना तरफथी रूपिया
दस हजार ने एकनी रकम संस्थाने अर्पण करी हती.
दोढ माईल लांबो हाथी, इन्द्र–इन्द्राणीओ अने हजारो मुमुक्षुओथी शोभी रहेल वरघोडो कालबादेवी
परथी पसार थई रह्यो हतो त्यारे हजारोनी मानव मेदनी ते जोवा माटे उमटी पडी हती. अने आवो विराट
वरघोडो प्रथम वार ज जोवा माटे पोतानी जातने धन्य मानती हती.
शहेरना मुख्य भागोमां फरीने वरघोडो आझाद मेदानखाते खास रचवामां आवेल सुमेरू पर्वत पासे
आव्यो हतो, अने त्यां १००८ सुवर्ण तथा चांदीना कळशोवडे महान जन्माभिषेकनी क्रिया उल्लासपूर्वक करवामां
आवी हती.
आ मंगळ दिवसे ज पारणाझुलन, श्री नेमीनाथ भगवानना विवाहनी तैयारीओ अने राजओना
आगमननो महोत्सव उजववामां आवेल.
महा सुद ४ बुधवारे श्री नेमीनाथ प्रभुजीए वैराग्य, जैनेश्वरी दीक्षा माटे वनगमन अने दीक्षा
कल्याणकना भव्य वरघोडानी विधि करवामां आवी हती.
महा सुद प, गुरुवारे आहारदान, अंकन्यासविधि, केवळज्ञान कल्याणक अने समवसरण–रचनानी क्रिया
उल्लासपूर्वक करवामां आव्या बाद महा सुद छठ शुक्रवारे निर्वाण कल्याणक करीने प्रातःकाळे जिनवेदीमां श्री
जिनबिंब बिराजमान करवामां आव्या हता. तेम ज आ प्रसंगे कळश तथा ध्वजारोपण, शांतियज्ञ, रथयात्रा
वगेरे करवामां आवेल.
आ पंचकल्याणक महोत्सवनो विस्तृत अहेवाल, पोस्टनी गडबडने अंगे समयसर आवी शक्यो नथी
एटले शक्य एटलो संक्षिप्तमां अहेवाल उपर रजू कर्यो छे, तेमज महोत्सवने अंगेना प्रसंग चित्रो पण थोडा
रजु कर्या छे अने बीजा केटलाक महत्वना द्रश्यो आवता अंके रजू करवामां आवशे.
हाथी उपर प्रभुनुं जुलूस, जन्माभिषेक, दीक्षा, जिनबिंबो वगेरेना द्रश्यो पण मेळववानो अमारो प्रयास
चालु छे. जो बनी शकशे तो ‘आत्मधर्म’ मां हवे पछी आपीशुं.
पोस्टनी गडबडना अंगे मुंबईना प्रतिष्ठा महोत्सवना विस्तृत समाचार अमो आ अंकमां आपी शक्या
नथी ते बदल वाचकबन्धुओनी क्षमा याचीए छीए.