Atmadharma magazine - Ank 186
(Year 16 - Vir Nirvana Samvat 2485, A.D. 1959)
(Devanagari transliteration).

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चैत्रः २४८पः ६ कः
ईलोरानी गुफा
कर्युं.....त्यारबाद आहारदान–प्रसंग दर्शनीय हतो....बपोरे १ थी २ाा जातिस्मरण, सम्यग्दर्शन वगेरे संबंधी खूब
तत्त्वचर्चा थई....त्यारबाद प्रवचन थयुं अने सांजे पांच वागे गुरुदेवे कुंथलगिरीथी औरंगाबाद प्रस्थान कर्युं.
(वच्चे कचनेरा गामे रोकाया. त्यां पार्श्वनाथ भगवान तथा वीसविहरमान भगवंतो वगेरेनां दर्शन कर्यां.)
कुंथलगिरि सिद्धक्षेत्रमां रात्रे पू. बेनश्रीबेने भक्ति करावी, तथा रात्रे फरीने पर्वत उपर दर्शन करवा गया...त्यां
मुनिपरिणति, सम्यग्दर्शन, जात्रानो हेतु वगेरे बाबतमां सुंदर वातचीत थई.....फरी फरीने संतो साथे आ
सिद्धिधामनी यात्रा थई तेना उल्लासमां भक्तोए धर्मशाळामां रासपूर्वक खूब ज भक्ति करीने पोतानो हर्ष
व्यक्त कर्यो.
कुंथलगिरि सिद्धिधामनी अपूर्व यात्रा करावनार गुरुदेवने नमस्कार हो
औरंगाबाद
फागण वद बीजे सवारमां कुंथलगिरि सिद्धिधामना फरी फरी दर्शन करीने यात्रिकोए औरंगाबाद तरफ
प्रस्थान कर्युं.....वच्चे कचनेरा गामे दर्शन तथा भोजननो कार्यक्रम हतो, परंतु रस्तो विशेष खराब होवाथी त्यां
जई शक्या न हता, ने कचनेराथी पांच माईल दूर जंगलमां झाड नीचे ज यात्रिकोए भोजन कर्युं हतुं, ने चार
वागे औरंगाबाद पहोंची गया हता. औरंगाबाद आवतां वच्चे अडुल गामे सुंदर गुलाबी पाषाणना खूब ज
चमकदार महावीर प्रभुना दर्शन करीने गुरुदेव प्रसन्न थया. औरंगाबादमां पांच जिनमंदिरोनां दर्शन कर्या.
ईलोरानी गुफाओ (ता. २७ मार्चः फागण वद त्रीज)
सवारमां ईलोरानी गूफाओ जोवा गया...गूफा नं. ३० थी ३४ जैन गूफाओ छे, तेमां बाहुबलीनाथ,
पार्श्वनाथ वगेरे भगवंतोना सेंकडो प्रतिमाओ गूफामां कोतरेला छे....तेमज बीजी पण खूब कारीगरी छे.
पर्वतमां ज कोतरेली भव्य अने ऊंडी गुफाओ तेमज