माणसो आव्या हता, आसपासना गामोथी अनेक माणसो आव्या हता, तेमज गामनी जनताए पण मोटी
संख्यामां भाग लीधो हतो. बपोरे शांतियज्ञ बाद खेरागढराजना जैन समाजे गुरुदेवने अभिनंदनपत्र आप्युं
अने प्रवचन बाद श्री जिनेन्द्र भगवाननी रथयात्रा नीकळी हती. आ रीते मात्र एकज दिवसमां पण पू.
गुरुदेवनी उपस्थितमां घणा उत्साहपूर्वक भगवाननी वेदीप्रतिष्ठानो उत्सव ऊजवायो हतो. आ रीते जिनमंदिर
बंधावीने पोताना आंगणे श्री जिनेन्द्र भगवाननी पधरामणी कराववा बदल उभय खेमराजजी शेठ तेमज
खेरागढना सौ मुमुक्षुओने धन्यवाद घटे छे.
गुरुदेव पोताना आंगणे पधार्या. आ मंगल प्रसंगे नीचेनी
बे कुमारिका बहेनोए पू. गुरुदेव पासे आजीवन ब्रह्मचर्य
(२) जमनाबेन (शेठ घेवरचंदजीनी सुपुत्री, उमर वर्ष १७)
छायामां रहीने तत्त्वनो अभ्यास करे छे; तेओ तत्त्वना
जिज्ञासु अने वैराग्यवंत छे. लगभग अढी वर्ष पहेलां
त्यारे तेओनी साथे ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा लेवानी आ बंने
बहेनोनी पण भावना हती. बंनेना वडीलो अने
आपी छे. नानी उमरमां आत्महितनी भावनाथी आवुं
कार्य करवा बदल ते बंने बहेनोने धन्यवाद घटे छे.
छे. आ रीते गुरुदेवनी महामंगल शीतळ छायामां
हजारो माईल दूर दूरथी पण पोतानो देश छोडीने अनेक
कल्पवृक्ष छे.... के जेनी शीतळ छायामां मुमुक्षुओने
पोतानी ईच्छित वस्तु प्राप्त थाय छे. ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा
आगळ वधे ने संतोनी छायामां पोतानुं आत्महित
साधे–एवी भावनापूर्वक तेमने अभिनंदन!