Atmadharma magazine - Ank 197
(Year 17 - Vir Nirvana Samvat 2486, A.D. 1960)
(Devanagari transliteration).

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फागण: २४८६ : १९:
वैराग्य समाचार
(१) राजकोटना शेठ श्री बेचरदास काळीदास जसाणीना
धर्मपत्नी हरकोरबेन मुंबई मुकामे महा वद १४ना रोज लगभग
८० वर्षनी वये स्वर्गवास पाम्या छे. छेल्ला केटलाक वखतथी
तेओ बिमार हता. जसाणी कुटुंब पहेलेथी ज धार्मिक कार्योमां
अग्रगण्य भाग लई रह्युं छे; श्री हरकोरबेन पण तेमां साथे
भाग लेता. पू. गुरुदेव प्रत्ये तेमने घणो भक्तिभाव हतो.
अवारनवार लांबो वखत सोनगढ रहीने तेओ लाभ लेता. देव–
गुरु–धर्मना प्रेममां आगळ वधीने तेओ आत्महित साधे ए ज
भावना.....
(२) मोरबीना भाईश्री जयंतिलाल अमृतलाल (ब्र.
हरिभाईना नाना भाई) मुंबई मुकामे महा वद पांचमना रोज
३२ वर्षनी वये आकस्मिक स्वर्गवास पाम्या छे. पू. गुरुदेव प्रत्ये
तेमने भक्तिभाव हतो. त्रण महिना पहेलां ज तेओ सोनगढ
आवीने लगभग एक महिनो रही गयेला....ने शांत
वातावरणथी प्रसन्न थईने कहेलुं के हवेथी दर वर्षे हुं सोनगढ
आवीश. परंतु तेओ अकस्मात स्वर्गवास पाम्या. आ असार
संसारमां तेओ देव–गुरु–धर्मनुं शरण पामीने आत्महित साधे...
ए ज भावना.....
जैन दर्शन शिक्षण वर्ग
उनाळानी रजाओ दरमियान विधार्थीओ माटे
सोनगढमां जैन दर्शन शिक्षण वर्ग चालशे; वैशाख
सुद १४ ने मंगळवार ता. १०–प–६० थी आ वर्ग शरू
थशे ने जेठ सुद ६ ता. ३१–प–६० सुधी चालशे. आ
शिक्षण वर्ग चार वर्ष बाद खुली रह्यो छे, तो दरेक
जिज्ञासु विधार्थीओ धार्मिक शिक्षणनो लाभ लईने
रजाओनो सद्पयोग करे–एवी खास भलामण छे.
विद्यार्थीओ माटे रहेवा–जमवानी व्यवस्था संस्था
तरफथी थशे.
–श्री दि. जैन स्वाध्याय मंदिर, सोनगढ