Atmadharma magazine - Ank 199
(Year 17 - Vir Nirvana Samvat 2486, A.D. 1960)
(Devanagari transliteration).

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श्री गिरनार तीर्थ यात्रानुं पुनितस्मरण
पूज्य गुरुदेवश्रीनी शुद्धचिदानंदस्वरूपनी भक्ति :–
‘‘हुं एक शुद्ध सदा अरूपी ज्ञान दर्शनमय खरे,
कंई अन्य ते मारूं जरी परमाणु मात्र नथी अरे!’’