Atmadharma magazine - Ank 207
(Year 18 - Vir Nirvana Samvat 2487, A.D. 1961)
(Devanagari transliteration).

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: : आत्मधर्म : २०७
मंगल विहारनो कार्यक्रम
पू. गुरुदेवना प्रतापे जामनगर शहेरमां भव्य दि. जिनमंदिरनुं निर्माण थयुं छे अने
तेमां जिनेन्द्र भगवाननी प्रतिष्ठानुं मुहूर्त माह सुद सातमनुं छे ने त्यां पंचकल्याणक प्रतिष्ठा
महोत्सव थवानो छे. ए रीते सावरकुंडलामां पण नुतन दि. जिनमंदिरनुं निर्माण थयुं छे ने
तेमां जिनेन्द्रभगवाननी वेदीप्रतिष्ठानुं मुहूर्त फागण सुद १र नुं छे. आ उपरांत गीरनार
सिद्धिधामनी यात्रा करवानी पण गुरुदेवनी भावना छे. आ रीते जामनगर शहेरमां
पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव, गीरनारजी तीर्थधामनी यात्रा अने सावरकुंडलामां
वेदीप्रतिष्ठा महोत्सव,–एवा मंगल प्रसंगो निमित्त पू. गुरुदेवनो जे मंगलविहार थवानो छे
तेनो कार्यक्रम हाल नीचे मुजब नक्की थयेल छे :–
सोनगढथी राजकोट थईने जामनगर तरफ: (पोष वद १० गुरुवार ता. १२–१–६१)
जामनगर: (पोष वद ११ थी माह सुद ८ सुधी; ता. १३ थी र४ सुधी)
गोंडल: (माह सुद ९, जामनगरथी जुनागढ जतां वच्चे विश्राम)
जुनागढ–गीरनारयात्रा: (माह सुद १० थी १३; ता. र६ थी र९.
यात्राना दिवसो महा सुद ११ तथा १र ता. र७–र८ शुक्र–शनि
पोरबंदर: (माह सुद १४ थी माह वद ६; ता. ३०–१–६० थी ता. ६–र–६१)
जेतपुर: (माह वद ७ ता. ७ मंगळवार; पोरबंदरथी राजकोट जतां वच्चे विश्राम)
राजकोट: (माह वद ८ थी फागण सुद पांचम; ता. ८ थी १९ फेब्रुआरी)
लाठी: (फागण सुद ६ सोमवार; राजकोटथी सावरकुंडला जतां वच्चे विश्राम)
सावरकुंडला: (फागण सुद ७ थी फा. वद १; ता. र१–र–६१ थी ता. ३–३–६१)
दामनगर: (फागण वद बीज)
सोनगढ–प्रवेश: (फागण वद त्रीज ने रविवार ता. प–३–६१)
गी.र.ना.र या.त्रा.
माह सुद १० थी १३ पू. गुरुदेव जुनागढ गीरनारयात्रा निमित्ते पधारवाना छे.
गुरुदेव साथेनी तीर्थयात्राना आ प्रसंगे पोताना तरफथी हर्ष व्यक्त करतां नागनेशवाळा शेठ
शांतिलाल कस्तुरचंद झोबाळियाए माह सुद ११ ना दिवसनुं जमण पोताना तरफथी आपवा
माटे रूा. १रप१ (एक हजार बसो एकावन) गीरनारयात्रा खातामां आपवानुं जाहेर कर्युं
छे–ते बदल तेमने धन्यवाद!