Atmadharma magazine - Ank 212
(Year 18 - Vir Nirvana Samvat 2487, A.D. 1961)
(Devanagari transliteration).

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ATMADHARM Regd. No. B 5669
वैराग्य समाचार
गुजरवदीना रहेवासी श्री गुलाबचंद कपूरचंद शाहनुं (उमर वर्ष ३३)
वैशाख वद ११ ता. १०–प–६१ ना दिने गुजरवदीमां टूंकी बीमारीथी
अवसान थयुं छे. स्व. श्री गुलाबचंदभाई सोनगढना प्रेमी तेम ज
तत्त्वजिज्ञासु मुमुक्षु हता. पू. गुरुदेवनी अमृत रसझरती मधुर वाणीनो लाभ
लेवा तेओ घणीवार सोनगढ आवता. तथा ‘आत्मधर्म’ ना नियमित
वांचनद्वारा पण पू. गुरुदेवनी अमूल्यवाणीनो लाभ लेता हता. छेल्ला
केटलाक समयथी पू. गुरुदेवनां दर्शन तथा वाणीनो लाभ लेवा सोनगढ
आववानी तेमनी उत्कष्ट भावना हती. परंतु तेमनी ते भावना मनमां ज
रही गई...अने ते पहेलां ज तेमनुं टूंक बीमारीथी अवसान थई गयुं तेमनो
सद्गत आत्मा सत्समागमनी भावनाना बळे सत्नी रुचि वधारी
आत्मकल्याणने पामे एवी शुभेच्छा सहित तेमनां संतानो तथा कुटुंबीजनो
प्रत्ये समवेदना प्रगट करीए छीए.
जैन दर्शन शिक्षण वर्ग
आ साल प्रौढ उमरना जैन भाईओने माटे ता. १प–८–६१
थी ता. ३–९–६१ सुधी जैन दर्शन शिक्षण वर्ग चालशे. तेनो
लाभ लेवा ईच्छनार जिज्ञासुओने आत्मार्थि सत्पुरुष श्री
कानजीस्वामीनां दि. जैनधर्मना मूळ सिद्धांतोना रहस्यमय
प्रवचनोनो पण लाभ मळशे. आवनार जिज्ञासुओने रहेवानी
तथा जमवानी व्यवस्था संस्था तरफथी थशे. आववानी
भावना होय तेमणे अगाउथी लखी जणाववुं.
श्री दिगम्बर जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट
सोनगढ (सौराष्ट्र)
दिगम्बर जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्टवती मुद्रक अने प्रकाशक हरिलाल देवचंद शेठ: आनंद प्रेस–भावनगर.