Atmadharma magazine - Ank 227
(Year 19 - Vir Nirvana Samvat 2488, A.D. 1962)
(Devanagari transliteration).

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आत्मधर्म : २२७ : २३ :
श्री कायमी पूजा खाते श्री शीक्षणवर्गना विधार्थीओने पुस्तक भेट आपवा
२०१–०० श्री खुशालदास मोतीचंद ह. गंगाबेन– सोनगढ १४७–०० श्री मोहनलाल त्रिकामजी देसाई सोनगढ
२०१–०० श्री नंदलाल लालजी अमरेली १०१–०० श्री तखतराज वनाजी कलकत्ता
२०१–०० श्री मोहनलाल कानजी घीया राजकोट प्रवेशद्वारा उपर सुंदर सूत्र बोर्ड म
२०१–०० श्री पोपटलाल मोहनलाल वोरा मुंबई प०१–०० श्री वाडीलाल जगजीवनदास कलोल
२०१–०० श्री जमनादास ताराचंद मुंबई श्री ज्ञानखाते–प१ केशवलाल मा. अमदावाद
१००प–०० (एक हजार पांच रूपीया) प१–०० जवेरीलाल मेघनगर, ३० भोपाळना मुमुक्षु बहेनो.
श्री समयसारजी गुजरातीनी कळशटीका खाते १२७–०० गोगीदेवी आश्रमना बेनो तरफथी सोनगढ
१०१–०० पू. बेनश्रीबेन सोनगढ श्री धर्मवात्सल्य फंड खाते
प०१–०० श्री पोपटलाल मोहनलाल वोरा मुंबई
ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा
श्री धारशीभाई वीरचंदे तथा तेमना धर्मपत्नि श्री
शकरीबेन पूज्य गुरुदेव समक्ष आ जीवन ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा
अंगीकार करी ते बदल धन्यवाद (असाड वदी १ ना रोज)
वैराग्य समाचार
(१) श्री रसीकलाल जयंतिलाल उमराळावाळा
(उंमर वर्ष २प) जेओ पूज्य गुरुदेवना संसार अवस्थाना
भाईना पौत्र हता, तेओ टूंक समयनी बीमारीथी पालेज
मुकामे जेठ सुदी १ ना रोज देहावसान पाम्या. तेमने पू०
गुरुदेव प्रत्ये घणो भक्तिभाव हतो, तेमनो आत्मा पू०
गुरुदेव प्रत्ये आत्मा आत्मकल्याण साधे एवी भावना साथे
तेमना कुटुंबीओ प्रत्ये घणो समवेदना प्रगट करीए छीए.
(२) श्री भाईचंद मोतीचंद गांधी (उ. व. ८८)
तेओ ता. २६–८–६२ ना रोज सोनगढमां परलोकवाशी थया.
तेमने पण पूज्य गुरुदेव प्रत्ये घणो भक्तिभाव हतो. २०
वर्षथी धर्म जिज्ञासाथी तेओ सोनगढमां रहेता हता, तेमनो
आत्मा धर्म जिज्ञासमां वृद्धि करीने शीघ्र आत्मकल्याण साधे
एवी भावना व्यक्त करीए छीए तेमना कुटुंबीजनो प्रत्ये
सहानुभूति दर्शावीए छीए.