: २६ : आत्मधर्म : २२८
आपना प्रत्ये प्रदर्शित उक्त सन्मानना उत्तरमां श्री खीमचंदभाईए कह्युं के “वास्तवमां हुं मने
पोताने आ अभिनंदनने योग्य समजतो नथी. ज्यारे मने अभिनंदन पत्र स्वीकारवानो पण राग न होय
अर्थात् पूर्ण वीतरागी बनुं त्यारे ज हुं आ अभिनंदनने योग्य बनी शकीश. आपे अंतमां कह्युं के आप
भाईओए जे धर्म प्रत्ये रुचि प्रगट करी छे अने हार्दिक स्नेह मने प्रदान कर्यो छे, तेने माटे हुं आप सौनो
आभारी छुं. अंतमां श्री सूरजमलजी द्वारा आदरणीय पं. जी तथा उपस्थित श्रोताओ प्रत्ये आभार व्यक्त
करता थका, कार्यक्रम समाप्त करवामां आव्यो.
ता. १९––६२ भवदीय
राजमल जैन
मंत्री, दि० जैन मुमुक्षु मंडळ,
भोपाळ
(१२) उज्जैन (म. प.) श्री दि जैन मुमुक्षु मंडळ तरफथी श्री चांदमलजी गांधीनो पत्र:– श्री
सोनगढ निवासी, सत्धर्म–प्रेमी शेठ खीमचंदभाई अमारा मंडळना निवेदनथी बे दिवस माटे ता. १४–९–६२
उज्जैन पधार्या, विनोद भवनना गेस्ट हाउसमां जैन समाजना प्रमुख व्यक्तिओ तथा मुमुक्षु मंडळ द्वारा
भव्य स्वागत करवामां आव्युं. ता. १प–९–६२ सवारे नमकमंडी जिनमंदिरमां तथा बपोरे स्वाध्याय मंदिर,
रात्रे उपरोक्त मंदिरजीमां प्रवचन थयां. जनता तेओना प्रवचनोथी अत्यधिक आकर्षित थई. पंचायतना
जैन भाईओ सहु पोतपोताना मंदिरजीमां प्रवचनो माटे मांगणी करवा लाग्या, पण समयनो अभाव
होवाथी बधायनी मांग पूर्ण करवी अशक््य हतुं. तो पण बीजे दिवसे पांच स्थळे पांच प्रवचननी व्यवस्था
करी. जनतामां जेओए एकवार प्रवचन सांभळ्युं तेओ फरीने पण जे स्थान पर प्रवचनने माटे नक्की करेल
त्यां जईने घणी उत्सुकताथी सांभळता हता. आ प्रकारे जनता बहु ज प्रभावित हती.
रात्रे स्वाध्याय मंदिरमां शेठ श्री खीमचंदभाईना सन्मानमां जैन समाज तथा मुमुक्षु मंडळ तरफथी
अभिनंदनपत्र चांदीना कास्केटमां भेट करवामां आव्युं. उक्त विधि शेठ श्री राजकुमारसिंहजी–ईन्दौरना
सुपुत्र श्री जंबुकुमारसिंहजीना प्रमुखपणामां संपन्न थई.
आ अवसर पर ईन्दौर, भोपाळ, बडनगर आदिथी मुमुक्षु भाईओ पधार्या हता. अपूर्व धर्म
प्रभावना थई. अंतमां शेठ श्री खीमचंदभाई सन्मुख समस्त जैन समाजे निवेदन कर्युं के–आवती सालना
पर्युषण पर्व उपर आ आध्यात्मिक प्रवचनोनो लाभ देवा अवश्य पधारशो
ली. चांदमल गांधी उजजैन
(१३) गुना (म. प्र) दि. जैन मुमुक्षु मंडळना मंत्री श्री केवळचंद्रजी पंडया जणावे छे के अमारा
निमंत्रणनो स्विकार करीने अध्यात्मज्ञान प्रसारक श्री खीमचंदभाई शेठ गुना पधार्या, तेमने अहीं जैन
समाज तथा जैनवीर दळ द्वारा गार्ड ओफ ओनर (सलामी) दईने पछी बेन्डबाजा साथे विशाळ जन समूह
प्रोसेसन जिनमंदिर जवा रवाना थया, मार्गमां अनेक जैनबंधुओ पोतानी दुकान समक्ष फुलहारद्वारा स्वागत
कर्युं. पूज्य गुरुदेवना जयकार सहित १०ा कलाके प्रोसेसन श्री दि. जैन मंदिर तथा प्रवचन स्थळे पहोंची त्यां
मांगलीक शरू कर्युं हतुं.
अहीं बे दिवस सुधी भरपुर कार्यक्रम रह्यो. जेमां तेओ श्रीए सरल मधुरवाणीथी श्री निर्ग्रंथ जैन
मुनिओनुं स्वरूप निश्चय व्यवहार श्री समयसार उपर विस्तारथी धार्मिक प्रवचन तथा जिनेन्द्र भगवानना
पूजनमां आठद्रव्यथी पूजाना पारमार्थिक अर्थ कर्या, जेथी जैन समाज अने अजैन बंधु वर्गे खुब प्रसन्नता
बतावी आ प्रभावनाथी प्रेरित थईने जैन समाजे आपने अभिनंदन पत्र दईने आपनुं स्वागत कर्युं. आ
अवसर पर अशोकनगर, कोटा, राधौगढ, आरौन, कुंभराज, म्याना आदिथी अनेक धर्मजिज्ञासुभाईओ
पधार्या हतां.