Atmadharma magazine - Ank 235
(Year 20 - Vir Nirvana Samvat 2489, A.D. 1963)
(Devanagari transliteration).

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आत्मधर्मः२प:
मंगल जन्मोत्सव अंक
*आ... त्म... ज्ञ... सं... त*
(गुरुदेव प्रत्ये भाईश्री खीमचंद जे. शेठ पोतानी खास शैलिथी श्रद्धांजलि अर्थे छे.)
कोटी कोटी वंदन हो
ते पुण्यप्रभावी आसन्न–
भव्य सद्गुरुदेवश्रीना
आत्माने!
अने
तेमना ७४मा
जन्मजयंति मंगलदिने
भावना भावीए छीए
के तेओ चिरायु हो
अने
जगतना सर्व जीवोनु
कल्याण करो!
महात्म्य.
४. सुवर्णपुरुमांथी जेणे आप्या सुवर्णमय संदेशा यर्थाथताना, स्वतंत्रताना अने वीतरागताना.
प. नीडरपणे सत्यमार्गनो प्रकाश कर्यो वीतरागना ए वीर वारसे.
६. करवुं छे कांईक अपूर्व एवुं बाल्यावस्थामां ज वदनार ए संते जगतमां करी छे अपूर्व
धर्मप्रभावना.
७. वीतरागी मार्गनो फरकाव्यो छे विजयध्वज जेमणे पोतानी दिव्यशक्तिथी.
८. जेमना अंतरमांथी झरतां शांतिनां अमृतबिंदुओ शमावे छे संसारना त्रिविध तापोने.
९. आत्मबंदरना ए वहाणवटीए बनाव्यो परम पारिणामिकभावने ध्रुव तारो अने