Atmadharma magazine - Ank 236
(Year 20 - Vir Nirvana Samvat 2489, A.D. 1963)
(Devanagari transliteration).

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आ... त्म... ध... र्म
“आत्मधर्म”ना वैशाख मासना खास
अंक बाबतमां अनेक साधर्मीओए पोतानी
प्रसन्नता व्यक्त करी छे, तेओनी ‘आत्मधर्म’
प्रत्येनी सहृदय लागणी माटे आभार. वैशाख
मासना अंकनी सेंकडो मांगणीओ हजी आवी
रही छे, परंतु हवे ते अंकनी प्रतो सिलकमां
नथी. हवे एक रूा. भरनारने जेठथी आसो
सुधीना अंको मोकलाशे. पू. गुरुदेव विहारमां
होवाथी, अने विहारना लगभग बधा
समाचार आ अंकमां आपवाना होवाथी जेठ
मासनो आ अंक जरा विलंबथी प्रसिद्ध थाय छे.
‘आत्मधर्म’ ने वधु व्यवस्थित ने वधु सुंदर
बनाववानो प्रयत्न चाली रह्यो छे. आत्मधर्मना
बालविभागमां घणा बाळकोए उत्साहथी भाग
लीधो छे, –ते माटे बाळकोने धन्यवाद! तेमने
भेटपुस्तिका मोकली आपवामां आवी छे.
वैशाख मासना अंक जेमने डबल मळ्‌या
होय तेओने ते पाछा मोकलवा विनंति.