Atmadharma magazine - Ank 240
(Year 20 - Vir Nirvana Samvat 2489, A.D. 1963)
(Devanagari transliteration).

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स्वाध्याय भवनमां प्रवचन करतां गुरुदेव कहे छे के:... “केवळज्ञाननो झंडो
फरकी रह्यो छे. केवळज्ञाननो झंडो फरकावतां फरकावतां अल्पकाळे मोक्षमां जशुं.
श्रोताजनो हर्षपूर्वक अमीवर्षा झीली रह्या छे.