राजाओए निर्वाणनो मोटो महोत्सव ऊजव्यो. ते दीवाळीनो तेम ज मोक्षना बेसता
वर्षनो आजे दिवस छे. भगवानना मोक्षने आजे २४८८मुं वर्ष बेठुं. भगवान
पावापुरीथी स्वभावऊद्धर्वगमन करीने उपर सिद्धालयमां बिराजी रह्या छे.
अनादिकाळमां कदी नहोती थई एवी अपूर्वदशा आजे भगवानने पावापुरीमां प्रगटी.
तेथी पावापुरी पण तीर्थधाम छे. सम्मेदशिखरनी यात्रा वखते पावापुरी यात्रा करवा
गया त्यारे त्यां अभिषेक कर्यो हतो. त्यां (सरोवर वच्चे) ज्यांथी भगवान मोक्ष
पधार्या त्यां भगवानना चरणकमळ छे. तीर्थंकरोनुं