Atmadharma magazine - Ank 241
(Year 21 - Vir Nirvana Samvat 2490, A.D. 1964)
(Devanagari transliteration).

< Previous Page   Next Page >


PDF/HTML Page 21 of 42

background image
ः १८ः आत्मधर्मः २४१
भगवाने साधेलो ने बतावेलो
परिनिर्वाणनो पंथ
(वीर. सं.२४८८ आसो वद अमासः शीलप्राभृत गा. ११–१२ना प्रवचनमांथी)
आजे भगवान महावीरपरमात्मा पावापुरीथी मोक्ष पाम्या, भगवाननो आत्मा
आजे पूर्ण निर्मळपर्याये परिणम्यो, भगवान आजे सिद्ध थया. पावापुरीमां इन्द्रो अने
राजाओए निर्वाणनो मोटो महोत्सव ऊजव्यो. ते दीवाळीनो तेम ज मोक्षना बेसता
वर्षनो आजे दिवस छे. भगवानना मोक्षने आजे २४८८मुं वर्ष बेठुं. भगवान
पावापुरीथी स्वभावऊद्धर्वगमन करीने उपर सिद्धालयमां बिराजी रह्या छे.
अनादिकाळमां कदी नहोती थई एवी अपूर्वदशा आजे भगवानने पावापुरीमां प्रगटी.
तेथी पावापुरी पण तीर्थधाम छे. सम्मेदशिखरनी यात्रा वखते पावापुरी यात्रा करवा
गया त्यारे त्यां अभिषेक कर्यो हतो. त्यां (सरोवर वच्चे) ज्यांथी भगवान मोक्ष
पधार्या त्यां भगवानना चरणकमळ छे. तीर्थंकरोनुं