शुं स्थिति छे तेनी जगतना जीवोने खबर नथी; तेना हृदयना गंभीर भावो
ओळखवानुं साधारण जीवोने मुश्केल पडे तेवुं छे. समजवा मागे तो बधुं सुगम छे. आ
महिमा छे. भेदज्ञान थतां ज जीवनी आवी दशा थाय छे. ज्ञानी धर्मात्मा चैतन्यरसना
स्वाद पासे जगतना बधा स्वाद प्रत्ये सदाय उदासीन अवस्थावाळो थयो छे. रागादिने
आ रीते ज्ञायकस्वभावने ज स्वपणे अनुभवतो ज्ञानी निर्विकल्प अकृत्रिम एक
विज्ञानघनपणे परिणमतो थको अन्यभावोनो अत्यंत अकर्ता ज छे. आवी अद्भुत
१प० जेटलां आर्टपेपरना पेईज सहित कूल ६०० उपरांत पानां
अने ३प० उपरांत तीर्थयात्रानां विविध प्रकारना भक्तिप्रेरक
चित्रो–जोतां ज तीर्थोनां पवित्र स्मरणो ताजा थाय छे. (लेखक
ब्र. हरिलाल जैन) सुंदर चौरंगी जेकेट; जेनुं चित्र आ अंकनी
साथे मोकलवामां आव्युं छे. आ जेकेट मुंबइना जेचंद तलकशी
एन्ड सन्स तरफथी भेट आपवामां आव्युं छे. (किंमत
रूा. आठ)
सुचनाः–