सिधाव्या....पार्श्वप्रभुजी सिद्धपद पाम्या....ईन्द्रोए आवीने भक्तिथी
नर्वाणकल्याणकमहोत्सव उजव्यो.
थयो ने हर्षथी भगवंतोनुं स्वागत कर्युं. प्रभुजी पधारतां दादरना जिनमंदिर अने
समवसरण शोभी ऊठया... आजे बपोरना प्रवचन वखते प्रवचननी थोडीक बोलती
फिल्म पण लेवामां आवी हती. प्रवचन बाद ईन्दोरना पं. बंशीधरजी सिद्धांतशास्त्री
वगेरेए भाषण द्वारा श्रद्धांजलि समर्पित करी हती. बीजे दिवसे सवारे ११–५९ मिनिटे
दादर–जिनमंदिरमां भगवंतोनी प्रतिष्ठा थई. अपार उत्साह ने बेसुमार भीड वच्चे
ज्यारे जिनेन्द्रभगवान महावीरप्रभु मुख्यवेदी उपर बिराज्या ने सीमंधरनाथ
समवसरणमां बिराज्या, त्यारे सर्वत्र जयजयकारथी मंदिर गाजी रह्युं हतुं; कहाननगर
सोसायटीना मकानो हजारो प्रेक्षकोनी भीडथी ऊभराई रह्या हता. मंदिरना उपला माळे
समवसरणनी भव्य आकर्षक रचना छे. सोनगढनी जेम त्यां पण सीमंधरनाथना
समवसरणमां कुंदकुंदाचार्य दर्शन करी रह्या छे–ते द्रश्य शोभी रह्युं छे. समवसरणना
दर्शनथी भक्तोनुं हृदय आनंदित थाय छे. शेठ श्री मणिलाल जेठालाल अने तेमना
भाईओ, तथा शेठश्री नवनीतलालभाई झवेरी, शेठश्री पूरणचंदजी झवेरी वगेरेए
भक्तिपूर्वक भगवंतोनी प्रतिष्ठा करी हती. भगवंतोनी प्रतिष्ठा वखते गुरुकहान पण
भक्तिपूर्वक भाग लेता हता. भगवंतोनी प्रतिष्ठानो आवो मोटो महोत्सव ए
मुंबईनगरीनो एक विशिष्ट प्रसंग हतो. भगवंतोनी प्रतिष्ठा पछी मंदिर उपर कळश
तथा ध्वज पण आनंदोल्लासपूर्वक चडाव्या. ७५ फूट ऊंचा जिनालय उपर ७५ इंच
ऊंचो–सवा छ फूटनो सोनेरी कळश झगमगी ऊठ्यो.....ने पवित्र आकाशमां
जैनधर्मध्वज लहेरी ऊठयो...अनेक भक्तो भक्तिथी नाची ऊठया.
मुंबई शहेरने थंभावी दीधुं. ज्यांथी रथयात्रा पसार थाय त्यां चारेकोर सेंकडो वाहनो
थंभी गया होय ने आतुरतापूर्वक सौ भगवाननी रथयात्रा नीहाळता होय.
सातमाळना मकाननी अटारीओ दर्शकथी ऊभराई जती. रथयात्रा आनंदपूर्वक
जिनमंदिरे (झवेरीबजारमां) आवी पहोंची ने उत्सव समाप्त थयो. प्रतिष्ठा पछी
शनिवारे दादरजिनमंदिरमां उल्लासपूर्ण भक्ति थई. हीरकजयंती महोत्सव संबंधी टूंक
अहेवाल ओल ईन्डीआ रेडीओ (आकाशवाणी) ना