: २४ : आत्मधर्म : जेठ : २४९०
असार.संसारनी.अध्रुवता
राजा राणा छत्रपति हाथिनके असवार
मरना सबको एकदिन अपनी अपनी वार
स्व. पं. जवाहरलाल नहेरु (भारतना वडा प्रधान)
आ असार संसार केवो अधु्रव, अशरण ने वैराग्यप्रेरक छे ते उपरनुं द्रश्य बोली
रह्युं छे. संसार एटले ज जन्ममरणनो भंडार...संसारमां रहेवुं ने जन्म मरणथी बचवुं
ए वस्तु अशक्य छे. जन्म मरणथी जेणे बचवुं होय तेणे संसारथी छूटकारानो राह
लेवो जोईए. संसारमां शुं नाना, के शुं मोटा, दरेक प्राणी अनित्यतानी गोदमां पडेला
छे, एक नानी क्षणना आयुषवाळो एकेन्द्रि जीव के असंख्ययात वर्षोना आयुषवाळा
मोटा ईन्द्रिो,