"ATMDHARM" Reg. No. G. 182
दादर जिनमंदिरमां आनंदपूर्वक
प्रभुप्रतिष्ठा थया बाद ए जिनमंदिर
उपर ज्यारे कळश अने ध्वज चड्या
त्यारे भक्तजनोना जय–जयकारथी
गगन गाजी उठ्युं... (कळश अने
ध्वजनी ऊंचाई केटली हती ते पासे हाथ
ऊंचो करीने ऊभेला माणसो उपरथी
अनुमान थई शकशे.)
अने त्यारे प्रभुप्रतिष्ठाना ए पावन
द्रश्यो नीहाळवा कहाननगर
सोसायटीमां नीचे ने उपर,
अगाशीमां ने अटारीओमां
भक्तजनोनी हकडेठठ भीड जामी
हती.
श्री दिगंबर जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट वती प्रकाशक अने
मुद्रक : अनंतराय हरिलाल शेठ, आनंद प्रिन्टिंग प्रेस–भावनगर.