श्रावणः २४९०ः २३ः
(७२) उदयभावनी साथे सदा होय ज–ए क्यो भाव?
–पारिणामिक भाव.
(७३) चोथा गुणस्थाननी पहेलां न होय –ते कया भाव?
–उपशम अने क्षायक.
(७४) अगियारमा गुणस्थान पछी न होय ते क्यो भाव?
–उपशमभाव.
(७प) १२मा गुणस्थान पछी न होय ते क्यो भाव?
–क्षयोपशमभाव.
(७६) १ला गुणस्थाने होय ने १३मा गुणस्थाने न होय ते क्यो भाव?
–क्षयोपशमभाव.
(७७) संसारदशामां जीवने क्यो भाव सौथी ओछो काळ रहे?
–उपशमभाव.
(७८) संसारदशामां जीवने क्यो भाव सौथी वधु काळ रहे?
–उदयभाव.
(७९) साधकभावना कारणरूप भावो कया?
–उपशम, क्षायक; अने जो सम्यक्सहित होय तो क्षयोयशम.
(८०) साधकदशानी शरूआत कया भावे?
–उपशमभावे.
(८१) साधकदशानी पूर्णता कया भावे?
–क्षायकभावे. (आ प्रश्नमां गतांकमां भूलथी ‘संसारदशानी पूर्णता कया
भावे?’ एम छपाइ गयेल, तेने बदले ‘साधकदशानी...’ समजवुं.
(८२) संसारदशामां सदाय नियमथी साथे ज होय–एवा बे भाव कया?
उदय अने पारिणामिक.
(८३) सीमंधरभगवानने अत्यारे कया कया भावो छे?
–क्षायक, उदय अने पारिणामिक–ए त्रण.
(८४) महावीर भगवानने अत्यारे कया कया भावो छे?
–क्षायक अने पारिणामिक–ए बे.