Atmadharma magazine - Ank 251
(Year 21 - Vir Nirvana Samvat 2490, A.D. 1964)
(Devanagari transliteration).

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"ATMDHARM" Reg. No. G. 182
* भादरवा सुद बीजना दिवसे सागरना शेठ श्री भगवानदासजी शोभालालजीना नवा
मकाननुं वास्तु सोनगढमां हतुं. आ निमित्ते तेमने त्यां प्रवचन–भक्ति वगेरे
कार्यक्रम हतो. जिनेन्द्रभगवानने मंडपमां बिराजमान करीने सांजे भक्ति वखते
शेठजी वगेरेए हर्ष अने भक्ति व्यक्त करी हती.
* भादरवा सुद बीजना दिवसे सोनगढनी बालिकाओए “हरिषेणचक्रवर्ती” नो संवाद
कर्यो हतो; तथा त्रीजना दिवसे विद्यार्थीगृहना विद्यार्थीओए ‘वज्रबाहुवैराग्य” नो
संवाद कर्यो हतो. बंने संवाद सुंदर वैराग्य अने जिनभक्तिप्रेरक हता.
* भादरवा सुद पांचमना रोज दसलक्षणी पर्युषणपर्वनो प्रारंभ थयो हतो तथा श्री
जिनेन्द्रभगवाननी रथयात्रा नीकळी हती. आ दसलक्षणी पर्व दरमियान गुरुदेवे
कार्तिकेयानुप्रेक्षामांथी दस धर्म उपर विवेचन कर्युं हतुं. दसलक्षणमंडल विधान थयुं
हतुं. सुगंधदशमी वगेरे प्रसंगो पण दश पूजन, दश स्तोत्र वगेरे विधिथी
उत्साहपूर्वक ऊजवाया हता.
* भादरवा सुद १५ ना रोज दसलक्षणीपर्वनी पूर्णताना हर्षोपलक्षमां श्री जिनवाणी
मातानी रथयात्रा नीकळी हती. अंतिम त्रण दिवसोमां रत्नत्रय पूजन थयुं हतुं.
भादरवा वद एकमना रोज बपोरे क्षमापना तथा जिनेन्द्रदेवनो अभिषेक थयो हतो.
आ रीते पर्युषणपर्व ऊजवाया हता. आ उपरांत मुंबई, दिल्ही, कलकत्ता, ईन्दोर,
विदिशा, बडौत, अमदावाद, सौराष्ट्रमां ठेरठेर पण हर्षोल्लासथी पर्युषण ऊजवाया
हता ने दरेक ठेकाणे प्रभावनापूर्वक जागृति आवी हती. गुरुदेवना प्रतापे जैनधर्मनो
प्रभाव दिनेदिने वधतो जाय छे.
आ.... त्म.... ध.... र्म
“आत्मधर्म” ना चालु वर्षनुं लवाजम आगामी अंके पूरुं थशे. तो
दरेक ग्राहकबंधुओने पोतानुं नवा वर्षनुं लवाजम रूा. चार वहेलासर
मोकलीने व्यवस्थामां सहकार आपवा विनंति छे.
लवाजम मोकलवानुं सरनामुं–
श्री दि० जेन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट,
सोनगढ (सौराष्ट्र)
श्री दिगंबर जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट वती प्रकाशक अने
मुद्रक : अनंतराय हरिलाल शेठ, आनंद प्रिन्टिंग प्रेस–भावनगर.