Atmadharma magazine - Ank 253
(Year 22 - Vir Nirvana Samvat 2491, A.D. 1965)
(Devanagari transliteration).

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हे वीरनाथ! उत्कृष्ट झडपी रत्नत्रय–रोकेट द्वारा सिद्धलोकनी
अवकाशयात्रा करीने आप झडपथी शाश्वतपुरी (मोक्षपुरी) ए
पहोंच्या; हुं पण आपना ते ज मार्गे ते ज मोक्षपुरीमां आवुं छुं.