Atmadharma magazine - Ank 258
(Year 22 - Vir Nirvana Samvat 2491, A.D. 1965)
(Devanagari transliteration).

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जयपूरमां पं. श्री टोडरमल्लजी–स्मारकभवननुं शिलान्यास
तथा टोडरमल्लजी ग्रंथमाळानी योजना
आत्मधर्मना गतांकमां जणाव्या मुजब जयपुरना गांधीनगरमां श्री
पूर्णचंदजी गोदिका अने तेमना परिवार तरफथी लगभग बे लाख रूा.ना खर्चे
“पं. श्री टोडरमल्लजी–स्मारकभवन” तैयार थाय छे, तेनुं शिलान्यास सोनगढना
भाईश्री खीमचंद जेठालाल शेठना सुहस्ते ता. २०–३–६प ना रोज–माह वद
पांचमे थयुं, आ ते ज दिवस हतो के जे दिवसे पं. श्री टोडरमल्लजीए साधर्मीओ
उपर प्रसिद्ध रहस्यपूर्ण चिठ्ठि लखी हती. ‘मोक्षमार्ग प्रकाशक’ ए पं.
टोडरमलजीनी सौथी मोटी स्मृति छे ए ग्रंथना स्वाध्याय वांचन द्वारा पू. श्री
कानजीस्वामीए पं. श्री टोडरमल्लजीनी जे महत्ता प्रसिद्ध करी, तेनाथी प्रभावित
थईने, तेमज जयपुरना पं. श्री चैनसुखदासजीनी प्रेरणा पामीने आ
स्मारकभवन बंधाई रह्युं छे. स्मारकभवनना शिलान्यास प्रसंगे आठ दिवस
सुधी धार्मिक प्रवचनोनुं भव्य आयोजन थयुं हतुं–जेमां हजारोनी संख्यामां
जयपुरनी जनताए लाभ लीधो हतो. कार्यक्रमना महत्वना भागोनुं जयपुर–
आकाशवाणीए प्रसारण कर्युं हतुं. आ प्रसंगे जयपुरना सुप्रसिद्ध पं. श्री
चैनसुखदासजी, पं. श्री फूलचंदजी, तेमज मुंबई मुमुक्षु मंडळना प्रमुखश्री,
उपप्रमुखश्री वगेरे अनेक आगेवानो पण उपस्थित हता; शिलान्यासप्रसंगे “पं.
टोडरमल्लजी – ग्रंथमाला” नी स्थापना थई तेमां रूा. ११००१) शेठ श्री खीमचंद
जेठालाल, ११००१) शेठ श्री पूर्णचंद्रजी गोदिका, २प०१) शेठश्री नवनीतभाई
झवेरी, २प०१) शेठश्री महेन्द्रकुमारजी शेठी तथा १००१) शेठश्री केसरलालजी
बक्षी वगेरे मळीने पांत्रीस हजार रूा. जेटली रकमो जाहेर थई हती.–आ रीते
समारोह उल्लासपूर्वक ऊजवायो हतो.....जेथी जयपुरनी जनता प्रभावित थई
हती.
राजकोटमां पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव
अने पू. गुरुदेवनो विहार
राजकोट शहेरमां दि. जिनमंदिरनी बाजुमां श्री समवसरण–मंदिर तथा
मानस्तंभ मंदिरनी नवरचना थई छे; तेमां जिनबिंब–प्रतिष्ठानुं मंगलमुहूर्त
वैशाख सुद १२नुं छे. ते प्रसंगे पंचकल्याणक–प्रतिष्ठानो महोत्सव थशे. वैशाख
सुद बीजे पू. गुरुदेवनो ७६ मो जन्मोत्सव पण राजकोटमां उजवाशे. आ प्रसंगे
सोनगढनी चैत्रसुद बारसने मंगळवारना रोज पू. गुरुदेव राजकोट पधारशे.
अने प्रतिष्ठामहोत्सव पछी पुन: सोनगढ पधारशे.