Atmadharma magazine - Ank 259
(Year 22 - Vir Nirvana Samvat 2491, A.D. 1965)
(Devanagari transliteration).

< Previous Page   Next Page >


PDF/HTML Page 6 of 89

background image
हे पंचपरमेष्ठी भगवंतो! मारा आंगणे पधारो......मारा अंतरमां बिराजो....
मुक्तिमहोत्सवना मंगल प्रसंगे परम बहुमानपूर्वक आपश्रीने मारा आत्मामां
स्थापुं छुं.......आपने आत्मामां स्थापीने आपना मार्गे आवुं छुं.
पंचपरमेष्ठीना परमभक्त श्री कानजीस्वामी,
भक्तिभावपूर्वक पंचपरमेष्ठीने वंदन–स्तुति करे छे.