Atmadharma magazine - Ank 259
(Year 22 - Vir Nirvana Samvat 2491, A.D. 1965)
(Devanagari transliteration).

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: ७२ : आत्मधर्म : वैशाख :
१६ मोक्षमार्ग क््यां सुधी छे?
१२मा गुणस्थान सुधी भावश्रुत ते साधकभाव छे, केवळज्ञान ते साध्यभाव छे.
कोईवार १४ माना छेल्ला समयसुधी मोक्षमार्ग कहेवाय ने सिद्धदशा ते मोक्ष छे.
पोते कर्ता थईने परलक्षमां ने परनी प्रीतिमां रोकाय छे; ते पोते कर्ता थईने
स्वनी प्रीतिथी वारंवार स्वलक्षनो अभ्यास करे तो स्वलक्ष जरूर थाय. जेम पोते परनी
प्रीति करे छे तेम जो स्वनी प्रीति करे तो स्वलक्ष ने स्वानुभव थाय.
जैनदर्शन शिक्षण वर्ग
राजकोटमां पंचकल्याणक प्रतिष्ठा–
महोत्सव ऊजवीने पू. गुरुदेव ता. १३–
प–६प वैशाख सुद १३ ने गुरुवारना
रोज सोनगढ पधारशे. तथा बीजा
दिवसथी एटले के वैशाख सुद १४ ने
शुक्रवार ता. १४–प–६प थी विद्यार्थीओ
माटेनो शिक्षण वर्ग शरू थशे. आ शिक्षण
वर्ग जेठ सुद त्रीजने ता. २–६–६प सुधी
चालशे. शिक्षण वर्गमां आववा ईच्छता
विद्यार्थीबंधुओए दि. जैन स्वाध्याय
मंदिर ट्रस्ट, सोनगढ (सौराष्ट्र) ए
सरनामे सूचना मोकली देवी. तथा
टाईमसर सोनगढ आवी जवुं (पोतानुं
बेंडीग साथे लाववुं