Atmadharma magazine - Ank 260
(Year 22 - Vir Nirvana Samvat 2491, A.D. 1965)
(Devanagari transliteration).

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राजकोट–प्रतिष्ठा महोत्सव
आहारदान प्रसंगे ऋषभमूनिराजनी पूजामां
पू. श्री कानजीस्वामी भक्तिपूर्वक भाग लई रह्या छे.
श्रावको कहे छे: आप पण मुनिराजने आहारदान
करवा पधारो.....ने पू. कानजीस्वामीने य मुनिराजने
आहारदान देवानी उर्मि जागी....भक्तिपूर्वक
ईक्षुरसनुं दान कर्युं.....जयजयकार गाजी रह्या...
हजारो भक्तोए ए आहारदाननुं अनुमोदन कर्युं.